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विश्व प्रसिद्ध दरगाह शाह शराफ़त अली मियां के सज्जादानशीन पीरे तरीकत हज़रत शाह मुहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर 20 अक्तूबर 2023 को दुनिया से पर्दा फरमा गऐ

 नाजिश अली की रिपोर्ट दुनिया ए सुन्नियत के अज़ीम रूहानी पेशवा हज़रत शाह मुहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर अपने मुरीदों को रोता हुआ छोड़ इस दुनिया को अलविदा कह गए। सिलसिला ए क़ादिरिया, मुजद्दिदया, नक्शबंदिया के अज़ीम उल मर्तबत बुज़ुर्ग और विश्व प्रसिद्ध दरगाह शाह शराफ़त अली मियां के सज्जादानशीन पीरे तरीकत हज़रत शाह मुहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर का 20 अक्तूबर 2023 बरोज़ जुमा शाम को अचानक तबियत बिगड़ जाने की वजह से करीब के एक निजी हॉस्पिटल में दौराने इलाज आपने आखिरी सांस ली और इस दुनिया ए फानी को हमेशा के अलविदा कह गए। पीरो मुर्शिद शाह मुहम्मद सक़लैन मियां हुज़ूर के विसाल की खबर पूरी दुनिया में चंद लम्हों में फ़ैल गई, मियां हुज़ूर के मुरीदीन जो मियां हुज़ूर से बड़ी मुहब्बत और दीवानगी रखते हैं आपके विसाल की ख़बर सुनकर रोते बिलखते हुए आपके आस्ताने पर आते गए और आपके। दीदार से मुशर्रफ़ हुए। दूर दराज़ के ज़ायरीन के आने में देरी और अकीदतमंदों के मुसलसल बंधे तांते की वजह से जमाज़ा मुबारक दो दिन रखा गया, इस दौरान दरगाह शरीफ के मेहमान खाने में सभी मुरीदों व चाहने वालों को मियां हुज़ूर का आखिरी दीदार कराया ग

"सिडबी" का स्वावलंबन मेला संपन्न कई हस्तशिल्पी सम्मानित! भव्य समापन !!

दिल्ली से मंजू कुमारी की रिपोर्ट, कला को संपूर्ण विकास, आर्थिक प्रोत्साहन और बड़ा बाजार देने के लिए वर्तमान मोदी सरकार और सिडबी की पेशक़दमी ने बहुत अहम भूमिका निभाई है।  नई दिल्ली स्थित आगा खान भावन में 'सिडबी' (भारतीय लघुउद्योग विकास बैंक) द्वारा आयोजित ,( 24 सितंबर से 28 सितंबर तक  चलने वाले  5 दिवसीय  स्वावलंबन मेला  के  अंतिम दिन कई उत्कृष्ट हस्तशिल्पियों को  आर्थिक प्रोत्साहन द्वारा सम्मानित किया गया ! विदित रहे कि इस स्वावलंबन मेला में गुजरात और मणिपुर समेत देश के विभिन्न प्रदेशों से आए हुए काफी हस्तशिल्पी स्वनिर्मित हस्त उत्पाद के साथ साथ शामिल हुए थे ! सिडबी की दिल्ली शाखा के कई वरिष्ठ अधिकारी पूरे 5 दिवसीय मेला के दौरान  यहां बने रहे,ताकि सुदूर प्रदेशों से आए हस्तशिल्पियों और उनके  परिश्रम एवं प्रयास को स्वावलंबन  की दिशा दी जा सके!           हस्तशिल्प हमारी सभ्यता एवं संस्कृति की एक समृद्ध विरासत है जिसे विलुप्त होने से बचाने, खोजने,निखारने और विकसित करने के पीछे विगत सरकारों ( कॉंग्रेस,जनता पार्टी,और जनता दल) की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन इस कला को संपूर्ण व

नफरत मिटाओ देश बचाओ इस तरह के कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है - मौलाना आबिद कासमी

 उत्तर पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद क्षेत्र में  "बेताब समाचार एक्सप्रेस" के संपादक एस ए बेताब की ओर से नफरत मिटाओ देश बचाओ शीर्षक से एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता ,आरिफ इंजीनियर ने की तथा संचालन मशहूर शायर दानिश अयूबी ने किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि जमीयत उलेमा ए हिंद के दिल्ली प्रदेश के सदर मौलाना आबिद कासमी ने बोलते हुए कहा कि नफरत मिटाओ देश बचाओ कार्यक्रम आज देश की जरूरत है। जमीअत उलमा ए हिंद का इतिहास रहा है कि उसने हमेशा सद्भावना की बात की है जंगे आजादी में जमीयत उल्मा ए हिंद ने जितनी कुर्बानियां दी हैं उसी की बदौलत देश को आजादी मिली। आज देश में नफरत मिटा कर मौहब्बत फैलाने की जरूरत है। नफीस अहमद सलमानी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बेताब समाचार एक्सप्रेस की यह पहल बहुत शानदार है। नफरत मिटाकर ही देश की रक्षा की जा सकती है। नफरत नुकसान के सिवा कुछ नहीं करती।  इंडियन एक्सप्रेस के पूर्व पत्रकार रामगोपाल यादव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज लोकतंत्र का चौथा स्तंभ दीमक की चपेट में है जिसे बचाने की जिम्मेदारी हम सब पत्रकारों की है। नफरत मिटाओ

दिल्ली व पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तेली बिरादरी चमक-दमक और दिखावे की खातिर बर्बाद.नागौरी तेलीयान बिरादरी का सामूहिक विवाह एक अच्छा पैगाम

दिनांक 2 सितंबर 2022  जुमा को बाद नमाज असर *नागौरी तेलियान समाज की 30 अक्टूबर 2022 को होने वाले {11वें } इग्याहरवें सामूहिक विवाह समारोह* की 17वीं  मीटिंग संजोग भवन में रखी गई । जिसकी  सदारत हाजी सैयद कासिम अली साहब जेईएन ने की । 1.  पिछली कार्यवाही व पूर्व के नियमों को उपस्थित लोगों के सामने बताया गया । सूरा कमेटी के सभी एक सौ सदस्यों को सूचना देने के बावजूद आज भी केवल 40  सदस्यों ने ही शिरकत की । बाकी 60 लोग की गैर मौजूदगी रही । समाज के नोजवानो ने अपनी बात रखते हुए लगातार निष्क्रिय रहने वाले सदस्यों को हटाकर मेहनती व जागरूक लोगो को शामिल करने की मांग रखी । लेकिन मीटिंग के अंदर समाज के युवा और बुजुर्ग सहीत करीब 150 लोगों ने हिस्सा लिया । आज तक 27  दुल्हनों के नाम पंजीकृत हो चुके हैं आज पंजीकृत हुए नामों में मरकज मस्जिद से चौधरी अब्दुल मजीद राठौड़ की दो पोतिया, सैयद मोहम्मद अली साहब नूरानी मस्जिद की दो पोतिया, मोहम्मद हसन गोरी साहब चुंगी चौकी की दो पोतिया व समसुद्दीन गौरी साहब सर्वोदय बस्ती की एक पोती का नाम भी पंजीकृत हुआ । *समाज़ द्वारा विधिवत रूप से तारीख तय करने {गाँठे बांधने की रसम}

एनआईए) पर वरिष्ठ संपादक डब्ल्यू श्यामजई का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और काम बंद रखा।

  मणिपुर की राजधानी इंफाल में बृहस्पतिवार को पत्रकारों ने राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) पर वरिष्ठ संपादक डब्ल्यू श्यामजई का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और काम बंद रखा। ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (एएमडब्ल्यूजेयू), एडिटर्स गिल्ड मणिपुर (ईजीएम) और मणिपुर हिल जर्नलिस्ट्स यूनियन (एमएचजेयू) के सदस्यों ने सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक केसम्पत इलाके में धरना दिया। इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन (आईजेयू) ने कहा कि सांध्य दैनिक ‘कांगलीपक्की मीरा’ के प्रधान संपादक श्यामजई को एनआईए ने दो अगस्त को सुबह 10 बजे अपने कार्यालय में तलब किया था। आईजेयू ने अपने बयान में आरोप लगाया कि एएमडब्ल्यूजेयू के अध्यक्ष श्यामजाई को दोपहर तक बिना बातचीत किए एक छोटे से कमरे में रखा गया और फिर उनसे भूमिगत समूहों के बारे में ‘अनर्गल’ सवाल किये गये। बयान में यह भी कहा गया कि पूछताछ शाम पांच बजे तक चली और श्यामजई के अनुसार उन्हें अगले दिन एनआईए अधिकारियों ने फिर धमकाया। ‘उत्पीड़न’ के विरोध में प्रदर्शन करते हुए प्रेस संगठनों ने राज्यपाल ला गणेशन और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को एक ज्ञापन सौं

मुसलमान" देश का, वो चारा है जिसे कांटे में फंसाकर षडयंत्रकारी भारत के Sc, St, Obc अल्पसंख्यको का शिकार करते है, Sc, St, Obc अल्पसंख्यक जितनी जल्दी जागो, नही तो सत्यानाश--गादरे

मेरठ:-मुसलमान देश का, वो चारा है जिसे कांटे में फंसाकर BJP-RSS के ब्राह्मण भारत के Sc, St, Obc का शिकार करते है, इस बात को देश का Sc, St, Obc जितनी जल्दी समझेगा,  Sc, St, Obc के लिए उतना ही अच्छा होगा।  बहुजन मुक्ति पार्टी के क्रन्तिकारी आर डी गादरे ने अपने वक्तव्य भारत देश के नागरिको से सीधे जन जाग्रति करते हुए कहा कि आज हिन्दू मुस्लिम के षड्यंत्र की राजनीति करने वालो ने देश की आर्थिक स्थिति रीड की हड्डी तोडने का काम कर रहे हैं। देश को लूटने वाले देश और संविधान के दुश्मनो से जंग लडो बेईमानो से व्रण आने वली नस्ले गुलाम पैदा होंगी।  कोई बताये की जाट समाज ने आरक्षण माँगा था हरियाणे में तो उसके खिलाफ कोई मुसलमान खड़ा नहीं हुआ था। जब गुजरात मे पटेलों ने आरक्षण आंदोलन चलाया था तब किसी मुसलमान ने विरोध नहीं किया था। जब राजस्थान के गुर्जरों ने आरक्षण को लेकर आंदोलन किया तो कहाँ मुसलमान विरोध में उतरे थे? जब 2 अप्रैल को एससी/एसटी के लोग एट्रोसिटी एक्ट को लेकर भारत बंद कर रहे थे तब मुस्लमानों ने कौनसे चौक-चौराहों पर आकर विरोध किया था? जब किसान 13 महीने तक दिल्ली के बॉर्डर पर सड़कों पर लड़ रहा तब म

आज अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में आ गया है।

  नई दिल्ली।  देश के विभिन्न हिस्सों से हिंसा को लेकर आ रहीं खबरों पर जमीयत उलमा ए हिंद ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी है। जमीअत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि, आज अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में आ गया है। दरअसल पिछले कुछ दिनों में देश के अलग अलग हिस्सों से हिन्दू मुस्लिम समाज के बीच बवाल होता नजर आ रहा है। हाल ही में दिल्ली जहांगीरपुरी में शोभा यात्रा के दौरान दंगा हुआ जिसमें 9 पुलिसकर्मी घायल और एक नागरिक घायल है। हालंकि पुलिस ने इस मामले में अब तक 20 लोगों की गिरफ्तारी कर ली है और लगातार दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है। इन सभी घटनाओं पर मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, धार्मिक उग्रवाद और नफरत की एक काली आंधी पूरे देश में चलाई जा रही है, अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों को भयभीत करने की जगह-जगह साजिशें हो रही हैं। मुस्लिम मुहल्लों में मस्जिदों के बिलकुल सामने उकसाया जा रहा है, पुलिस की उपस्थिति में लाठी डंडे लहरा लहरा कर दिल दहला देने वाले नारे लगाए जा रहे हैं और सब मूक दर्शक बने हुए हैं। ऐसा लगता है जैसे देश में अब न तो कोई कानून रह गया है और न ही कोई सरकार जो उन

आसाम में जहरीली मशरूम खाने से 13 लोगों की मौत

  अभी भी अस्पताल में जहरीली मशरूम खाने से बीमार पड़ने वाले कई अन्य लोगों का इलाज चल रहा है। पिछले पांच दिनों में पूर्वी असम के शिवसागर, डिब्रूगढ़, चराईदेव और तिनसुकिया जिलों के चाय बागान समुदाय के 35 लोगों को एएमसीएच में भर्ती कराया गया है।  दिहिंगिया ने बताया कि अभी भी अस्पताल में जहरीली मशरूम खाने से बीमार पड़ने वाले कई अन्य लोगों का इलाज चल रहा है। पिछले पांच दिनों में पूर्वी असम के शिवसागर, डिब्रूगढ़, चराईदेव और तिनसुकिया जिलों के चाय बागान समुदाय के 35 लोगों को एएमसीएच में भर्ती कराया गया है। 

देश आस्था पर चलेगा या संविधान के हिसाब से चलेगा। कहा कि यह कौन तय करेगा कि गोश्त खाएं या नहीं खाएं- ओवैसी

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि “आज हो यह रहा है कि मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा करो, मुसलमानों के खिलाफ मेजारिटी में खौफ पैदा करो, मुसलमानों को डरा कर रखो, मुसलमानों को दबाकर रखो, मुसलमानों को सेकंड ग्रेड सिटीजन बनाकर रखो, यही तो साजिश हो रही है, यही तो हो रहा है। आईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि “अगर देश आस्था पर चलेगा तो रमजान के दौरान शराब की दुकानों को देशभर में बंद कर दीजिए। कौन रोक रहा है। उन्होंने पूछा कि देश आस्था पर चलेगा या संविधान के हिसाब से चलेगा। कहा कि यह कौन तय करेगा कि गोश्त खाएं या नहीं खाएं।” जेएनयू में हुई घटना पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि वहां क्या हुआ, लेकिन हिंसा की निंदा करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में फासिस्टवाद बढ़ रहा है। कानून का शासन खत्म हो रहा है। आजतक न्यूज चैनल से बात करते हुए एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि “आज हो यह रहा है कि मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा करो, मुसलमानों के खिलाफ मेजारिटी में खौफ पैदा करो, मुसलमानों को डरा कर रखो, मुसलमानों को दबाकर रखो, मुसलमानों को सेकंड ग्रेड सिटीजन बनाकर रखो, यही तो स

नफरत की परिणति हिंसा और हत्या नहीं हो सकती।

  ( विवेकानंद, महात्मा गांधी के देश में हिंसा का तांडव) बीरभूम जिले के रामपुराहाट में हुई भीषण हिंसक घटना सर्वथा निंदनीय है। यह घटना तुणमुल कांग्रेस के एक पंचायत स्तर के नेता भादू शेख की कथित हत्या के कुछ घंटों के भीतर ही घटित हुई है ।कुछ लोगों ने अपने नेता की हत्या के प्रतिशोध में मकानों में आग लगा दी एवं दरवाजे बाहर से बंद भी कर दिए थे। एजेंसियों के अनुसार आग लगाने की पूर्व घर में निवास कर रहे बच्चों तथा महिलाओं के साथ मारपीट भी की गई, उसके पश्चात मकानों को भीषण आग के हवाले कर दिया गया। जले हुए बच्चों तथा स्त्री ,पुरुषों की लाशें पोस्टमार्टम करने लायक भी नहीं बचे थे, केवल हड्डियों और राख ही बची थी। इतनी क्रूर हत्या किसी नफरत की परिणति नहीं हो सकती। लोगों के बीच इतनी नफरत सदैव निंदनीय है। पश्चिम बंगाल सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से शांति, सौहार्द, संस्कृति की धरोहर के रूप में माना जाता रहा है, रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद, रविंद्र नाथ टैगोर और इन सब से ऊपर उठकर अहिंसक महात्मा गांधी के देश में इतनी हिंसा मानवीय समझ से परे है। इन सब के ऊपर तृणमूल कांग्रेस और अन्य पार्टियों के बीच इस हत्या

ए आई एम आई एम प्रत्याशी जीशान आलम घर घर जाकर किया जनसंपर्क सभी समाज का भरपूर मिला समर्थन

साबिर सलमानी की रिपोर्ट सरधना विधानसभा क्षेत्र से  ए आई एम आई एम के प्रत्याशी जीशान आलम ने कहां ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन राष्ट्रीय अध्यक्ष ओवैस उद्दीन सभी समाज के लोगों की आवाज बन गए हैं  जिस किसी पर भी जुल्म हुआ हो  ओवैसी साहब सब की आवाज उठाते हैं , तीन तलाक पर आवाज उठाई एनसीआर बिल को संसद में पढ़कर संपूर्ण भारत में  एनआरसी के खिलाफ आंदोलन ला दिया जिन्होंने करो ना बीमारी के चलते हुए 90 करोड़ का दान किया अपने हाथों से  ओवैसी ही है जिन पर एक भी घोटाले का केस आज तक नहीं है  जिनको संसद रतन से नवाजा गया है। ओवैसी ही है जिन पर आज तक धोखा घड़ी का एक भी केस नहीं है ऐसी साफ छवि रखने वाला सभी मजलूमओ की आवाज उठा रहा है चाहे वह किसी भी समाज का हो जिसके साथ नाइंसाफी हुई है उसको इंसाफ दिलाना चाहते हैं  ए आई एम आई एम के प्रत्याशी जीशान आलम ने कहां के सभी पार्टियों को मुसलमानों की वोट चाहिए लेकिन  हमारी पार्टी से मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे बस वोट देते रहो यही  काम है तुम्हारा अब हमें सत्ता में भागीदारी चाहिए यही सोच आज के युवाओं की बन गई है ए आई एम आई एम को हर जगह से हर समाज का समर्थन मि

करने का काम यह है - एम वदूद साजिद

 रोजनामा उर्दू इंकिलाब में प्रकाशित लेख का रद्दे अमल महीने के आखिरी दिन एक पुलिस स्टेशन में सैनिक और निरीक्षक इकट्ठा होते हैं।  महीने भर चलने वाले 'वीक ऑफ रिसीप्ट' की आज से शुरुआत हो गई।  एक सिपाही एक अलग कोने में बैठकर प्रक्रिया देख रहा था।  उसकी आँखों में चमक के स्थान पर घृणा थी।  जब उनके हिस्से का पैसा उनके पास पहुंचा तो उन्होंने लेने से मना कर दिया।एक वरिष्ठ सिपाही ने उनसे कारण पूछा।  जिस आदमी ने पैसे लेने से इनकार कर दिया, उसने कहा कि यह हराम है। एक इंस्पेक्टर ध्यान से सुन रहा था। उसने पूछा कि उसने पैसे का अपना हिस्सा लेने से इनकार क्यों किया। सिपाही ने कहा कि वह पैसे नहीं ले सकता क्योंकि ऐसा करना "पॉप" था। मुझे प्रशिक्षित किया गया है, मुझे बताया गया था कि रिश्वत लेना हराम है। और यह पैसा बलपूर्वक प्राप्त किया गया है। यह हराम से भी बदतर है। इंस्पेक्टर को कुछ सम्मान मिला। उसने सोचा कि कल का यह लड़का ऐसी बात कह रहा है और मैं यह काम एक वरिष्ठ के रूप में कर रहा हूं। सिपाही के स्पष्टीकरण का उस पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि उसने अपने हिस्से का पैसा अन्य सिपाहियो को भी लौटा दिया

पेपर लीक एक साजिश ?

बचपन में मैंने एक कहावत सुनी थी कि जो चमकेगा, वह हर जगह चमकेगा। दुर्भाग्य से यह कहावत मौजूदा शिक्षा व्यवस्था से तालमेल नहीं बिठा पा रही है। व्यवस्था की खामियों और सरकारी ढील के चलते सीबीएसई बोर्ड की दसवीं और बारहवीं परीक्षाओं के लीक प्रश्न पत्रों ने अनेक ऐसे छात्रों को चमकने का अवसर दे दिया था, जिन्होंने परीक्षा के लिए उचित मेहनत नहीं की थी। हालांकि सीबीएसई ने समय रहते अपनी गलती मान ली है और उसके दोबारा परीक्षा कराने के फैसले ने लाखों छात्रों के साथ अन्याय होने की आशंका काफी हद तक खत्म कर दी है। बोर्ड का दोबारा परीक्षा कराने का निर्णय बिल्कुल सही है, क्योंकि हमारे पास फौरी तौर पर इससे बेहतर विकल्प नहीं है। मैं समझता हूं कि लोग बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ अतार्किक प्रदर्शन कर रहे हैं। यह सही है कि किसी भी छात्र के लिए दोबारा परीक्षा देना अप्रिय विषय हो सकता है, लेकिन उन्हें देश हित के पहलू को भी ध्यान रखना चाहिए। उनकी छोटी-सी कसरत देश की शिक्षा व्यवस्था की सेहत सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकती है। यह समझने की बात है कि ये प्रदर्शन जितनी मुखरता के साथ दिल्ली में हो रहे हैं, देश के

त्रिपुरा सरकार और प्रशासन तुरंत कट्टरपंथी साम्प्रदायिक दंगाई तत्वों को सख़्त सज़ा दे : जमीयत उलमा ए हिंद

दंगा प्रभावित दुकानों, मकानों और धार्मिक स्थलों की पुनर्स्थापना की जाए तथा उनके मालिकों को उचित मुआवज़ा दिया जाए प्रेस क्लब आफ त्रिपुरा में जमीयत उलमा त्रिपुरा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी ने उठाया अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा। अगरतला ( 1 नवंबर 2021 )(अनवार अहमद नूर)आज जमीअत उलमा त्रिपुरा के नेतृत्व में प्रेस क्लब आफ त्रिपुरा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जमीअत उलमा हिंद के केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी, महासचिव, जमीअत उलमा ए हिंद ने त्रिपुरा के दंगे की गंभीर व चिंताजनक परिस्थितियों को बताया और  त्रिपुरा एवं केन्द्र की सरकारों से कहा कि यहां  जुलूस में नबी अकरम सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम का अपमान करने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए। दंगा, आग़जनी और अल्पसंख्यकों पर हमले करने वालो को सख़्त सज़ा दी जाए। दंगा प्रभावित दुकानों, मकानों और धार्मिक स्थलों की पुनर्स्थापना की जाए तथा उनके मालिकों को उचित मुआवज़ा दिया जाए। एवं राज्य के डीजीपी और प्रभावित क्षेत्रों के पुलिस प्रशासन को निलंबित किया जाए। साथ ही यहां के मुस्लिम अल्

जमीयत उलमा ए हिंद ने पीड़ितों को ईलाज के लिए भेजा मद्रास।

नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर ) दिल्ली दंगों में जिस तरीके से हिंसा और आगजनी हुई। उसमें बहुत सारे लोग प्रभावित हुए। कई लोगों ने अपनी आंखें खो दी तो कई ने अपनी याददाश्त। ऐसे ही मरीज़ों में लोनी (उत्तर प्रदेश) के शाहरुख हैं और शिव विहार दिल्ली के मोहम्मद वकील हैं जिनकी आंखों में दंगों में तेज़ाब डाल दिया गया था। ये सभी आज जमीयत उलमा ए हिंद के केंद्रीय कार्यालय नई दिल्ली पहुंचे। उसके बाद इन्हें ईलाज के लिए ट्रेन से मद्रास रवाना किया गया। यहाँ जमीयत उलमा ए हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, मौलाना गय्यूर क़ासमी सहित कई अन्य लोग भी मौजूद रहे। इन दोनों पीड़ितों से जब शांति मिशन ने बातचीत की तो बड़ी दर्दनाक स्थिति सामने आयी।  मोहम्मद वकील ने बताया कि दंगाइयों ने उसकी आँखों में तेज़ाब फेंक दिया। जिससे उसकी आंखें समाप्त हो गईं। लगातार ईलाज कराने के बाद भी ठीक नहीं हो रही हैं। अब जमीयत उलमा ए हिंद उन्हें ईलाज के लिए मद्रास भेज रही है। शाहरुख जो अभी नौजवान है और फेरी लगाने का करता था जब वह कसाबपुरा से लौट रहा था तो उस पर हमला कर दिया गया। और सिर व आंखों पर बहुत चोट आने से उसकी दोनों आंखों की रो

4 साल का मासूम अपने पिता के लिए मांग रहा है इंसाफ,बेदखली अभियान 7000 से ज्यादा लोग हुए बेघर, पिछली भाजपा सरकार में मिलती थी सभी सुविधाएं

दरांग जिले के प्रभावित इलाकों में आधार केंद्र, बिजली कनेक्शन, बैंक व स्कूल भी मौजूद हैं।अब तक हर सरकार ने कब्जाधारियों को वे सभी सुविधाएं मुहैया कराईं जो स्थायी निवासियों को दी जाती है। लेकिन अब हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार इन लोगों को ‘अतिक्रमणकारी’ बताकर हटा रही है। असम में दरांग जिले का सिपाझार इलाका पिछले हफ्ते ‘अवैध कब्जाधारियों’ के खिलाफ खूनी अतिक्रमण विरोधी अभियान के चलते देश दुनिया में चर्चा में है, लेकिन यहां की हकीकत कुछ और है। प्रदेश में चाहे भाजपा के सर्बानंद सोनोवाल की सरकार रही हो या फिर किसी और की, हर सरकार ने कब्जाधारियों को बिजली कनेक्शन, उचित मूल्य की दुकानें, बैंक और स्कूल जैसी सुविधाएं मुहैया कराईं जो स्थायी निवासियों को दी जाती है। प्रदेश की हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व वाली मौजूदा भाजपा सरकार इन लोगों को ‘अतिक्रमणकारी’ बताकर हटा रही है। दशकों से कई विकास योजनाओं को लागू कर उनकी बस्तियों को ‘वैध’ किए जाने के बाद अब सरकार द्वारा लिए जा रहे प्रतिशोध से ढालपुर के प्रथम, द्वितीय और तृतीय गांवों के विस्थापित लोग आश्चर्य जता रहे हैं। तीनों प्रभावित गांवों

प्रेरणा स्रोत ओपी खरबंदा की कहानी

शख्सियत   प्रेरणा स्रोत ओपी खरबंदा Report By : S A Betab कहते हैं कि एजुकेशन की कोई उम्र नहीं होती, बचपन से लेकर जवानी तक और जवानी से उम्र के आखिरी पड़ाव तक इंसान शिक्षा अर्जित कर सकता है। यह कहना तो आसान है लेकिन इसे साकार करना बहुत बड़ी चुनौती है, और जिसे चुनौतियां स्वीकार करना, उनसे खेलने में मजा़ आता हो उसके लिए कोई मुश्किल नहीं! मुश्किल और चुनौतियों से खेलने वाले शख्स का नाम है ओपी खरबंदा।  स्वर्गीय पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के  साथ ओ पी खरबंदा और उनकी पत्नी एपीजे अब्दुल कलाम से बेहद प्रभावित ओपी खरबंदा कहते हैं कि हमारे लिए बहुत ही खुशनसीबी और मुकद्दर की बात है कि भारतवर्ष की जमीन पर एपीजे अब्दुल कलाम जैसी शख्सियत ने जन्म लिया।  सपने वो नहीं होते जो हम सोते हुए देखते हैं  सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते  इन्हीं बातों को अपने जीवन में उतारने का काम किया है ओ पी खरबंदा साहब ने, बचपन से एक सपना था कि मैं भी काला कोट पहनूं। बचपन में पढ़ाई के बाद पिताजी के साथ हरियाणा से दिल्ली आ गए। यहां पर कारोबार में लग गये। ट्रांसपोर्ट, प्रॉपर्टी और कई अन्य कार्य किए। इसके बावजूद

कोविड महामारी पर रोक लगाने के लिए रोज़ाना 1 करोड़ टीकाकरण है ज़रूरी बॉबी रमाकांत - सीएनएस

हमारी स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा एक दूसरे की स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा पर निर्भर है, यह बड़ी महत्वपूर्ण सीख कोविड महामारी ने दी है। पर जिस तरह से कोविड टीकाकरण दुनिया में हो रहा है उसे देख कर यह नहीं लगता है कि हम लोगों ने यह सीख अभी पूरी गम्भीरता से ग्रहण करी है। एक ओर अमीर देश हैं जहां 80% से अधिक आबादी का पूरा टीकाकरण हो चुका है और दूसरी ओर हैं ग़रीब देश जहां अभी टीकाकरण है ही नहीं या बहुत ही कम। दुनिया की कुल आबादी है 7.8 करोड़ और लगभग 6 करोड़ टीके अभी तक लग चुके हैं - पर इनमें से 80% तो अमीर देश में लगे हैं। विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि दुनिया में 'हर्ड इम्यूनिटी' या सामुदायिक प्रतिरोधकता तब ही उत्पन्न होगी जब कम-से-कम 70% वैश्विक आबादी को पूरा टीका, एक निश्चित समय सीमा में लग जाएगा (9-10 महीने)। सिर्फ़ अमीर लोगों या अमीर देश में पूरा टीकाकरण कर देने से और उन्हें तीसरी बूस्टर डोज़ देने से कोविड महामारी नहीं ख़त्म होगी। समस्त वैश्विक आबादी का समयबद्ध तरीक़े से पूरा टीकाकरण होगा तब ही महामारी पर अंकुश लगने की उम्मीद है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों से अपील की है