अल हिंद हॉस्पिटल में शाकिर की मौत के जिम्मेदार हॉस्पिटल संचालक और डॉक्टरों के पोस्टमार्टम न करने के मंसूबे आखिर कामयाब हो ही गए।
हम करेंगे समाधान के लिए बरेली से रफी मंसूरी की रिपोर्ट। अल हिंद हॉस्पिटल के संचालकों द्वारा मृतक शाकिर के परिजनों से समझौता करके पोस्टमार्टम किए बगैर लाश को दफन करवा दिया आखिर क्यों? बरेली के सतीपुर चौराहा स्थित अल हिंद हॉस्पिटल में शाकिर की मौत के जिम्मेदार हॉस्पिटल संचालक और डॉक्टरों के मंसूबे आखिर कामयाब हो ही गए, क्योंकि अस्पताल के संचालकों और मृतक शाकिर के परिजनों हुए समझौते से ही पोस्टमार्टम के शाकिर की लाश को दफ़न कर दिया जाना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। आपको बताते चलें कि क़ाज़ी टोला निवासी शाकिर को उनकी पत्नी ज़ोहरा बेगम ने अल हिंद हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, 16 नवंबर 2024 को शाकिर का गाल ब्लैडर का ऑपरेशन डॉक्टर शारिक अहमद द्वारा किया गया और 5 दिन बाद मरीज शाकिर की अस्पताल से छुट्टी कर दी गई, परंतु ऑपरेशन के बाद भी शाकिर की तकलीफ लगातार बढ़ती गई, जिसके कारण शाकिर के परिजनों ने 10 दिन बाद दोबारा शाकिर को अल हिंद हॉस्पिटल में भर्ती कराया क्योंकि ऑपरेशन के बाद शाकिर को पीलिया हो गया था, जिसके कारण अस्पताल संचालक ने शाकिर का दूसरा ऑपरेशन हायर सेंटर से डॉक्टर को बुलाकर ...