दिल्ली से मंजू कुमारी की रिपोर्ट,
कला को संपूर्ण विकास, आर्थिक प्रोत्साहन और बड़ा बाजार देने के लिए वर्तमान मोदी सरकार और सिडबी की पेशक़दमी ने बहुत अहम भूमिका निभाई है।
नई दिल्ली स्थित आगा खान भावन में 'सिडबी' (भारतीय लघुउद्योग विकास बैंक) द्वारा आयोजित ,( 24 सितंबर से 28 सितंबर तक चलने वाले 5 दिवसीय स्वावलंबन मेला के अंतिम दिन कई उत्कृष्ट हस्तशिल्पियों को आर्थिक प्रोत्साहन द्वारा सम्मानित किया गया ! विदित रहे कि इस स्वावलंबन मेला में गुजरात और मणिपुर समेत देश के विभिन्न प्रदेशों से आए हुए काफी हस्तशिल्पी स्वनिर्मित हस्त उत्पाद के साथ साथ शामिल हुए थे ! सिडबी की दिल्ली शाखा के कई वरिष्ठ अधिकारी पूरे 5 दिवसीय मेला के दौरान यहां बने रहे,ताकि सुदूर प्रदेशों से आए हस्तशिल्पियों और उनके परिश्रम एवं प्रयास को स्वावलंबन की दिशा दी जा सके!
हस्तशिल्प हमारी सभ्यता एवं संस्कृति की एक समृद्ध विरासत है जिसे विलुप्त होने से बचाने, खोजने,निखारने और विकसित करने के पीछे विगत सरकारों ( कॉंग्रेस,जनता पार्टी,और जनता दल) की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन इस कला को संपूर्ण विकास, आर्थिक प्रोत्साहन और बड़ा बाजार देने के लिये वर्तमान मोदी सरकार और सिडबी की पेशक़दमी ने बहुत अहम भूमिका निभाई है! नब्बे के दशक में अस्तित्व में आए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक ( सिडबी) ने आर्थिक झटके खा रहे इस हस्तशिल्प कला की दशा और दिशा ही बदल दी ! ऊपर से वर्तमान मोदी सरकार की गहन संजीदा दिलचस्पी ने शिल्प और शिल्पियों के प्रयासों को नए जीवन,स्वप्न, और उड़ान का प्लेटफार्म और प्रोत्साहन दिया ! सिडबी ने उनके छोटे सपनों को बड़ा आकाश दिया और आर्थिक स्वावलंबन में बड़ी भूमिका निभाई। आज का आर्टिजन पूरे देश और दुनियां मे अपनी कला के साथ उड़ान भरने को तैयार है।स्वावलंबन मेला उसी परवाज का एक जरूरी पडाव है।
आगा खान भवन ( नई दिल्ली) में आयोजित इस स्वावलंबन मेला में आए हस्तशिल्पियों को आधुनिक बाजार के साथ चलने के कई गुर सिखाये गए ! इसी में शामिल था- ओ एन डी सी (ओपेन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) जिसकी भूमिका आज बड़ी रफ्तार से बढ़ रही है! ये नेटवर्क क्रेता और विक्रेता के बीच एक मजबूत पुल की भूमिका निभाने का काम करता है ! क्योंकि आधुनिक बाजार में वही टिकेगा जो व्यापार के बदलते हुए आयाम से वाकिफ होगा। सिडबी की भूमिका अन्य बैंकों से बिल्कुल अलग इसलिए भी है, क्योंकि सिडबी दूर तक व्यापारिक रिश्ते निभाता है , बिल्कुल अपनों की तरह!
स्वावलंबन मेले के आखिरी दिन कई शिल्पियों को कैश पुरस्कार से नवाजा गया, ताकि उनके जोश को नई गति और स्थायित्व दिया जा सके! पुरस्कार और प्रोत्साहन के इन खूबसूरत पलों में उत्साह के रंग भरने के लिए सिडबी की तरफ से वहाँ मौजूद थे, नई दिल्ली के सिडबी शाखा प्रमुख श्री एन के सोलंकी ( उप महा प्रबंधक) , सुधा परमार ( निदेशक CSCC) और संजय मिश्रा जी। अंत में, पाठकों की जानकारी के लिए ये जानना आवश्यक है कि ये सारा आयोजन " सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ कास्ट एंड कैपिटलिज्म" की तरफ से था, जो सदैव समाज के पिछड़े अति पिछड़े और वंचित समाज के लोगो के पुनरूत्थान के लिए सतत प्रयासरत रहता है! सिडबी ने इस आयोजन को अर्थिक सहयोग दिया था !
सबकुछ इतना बेह्तरीन रहा कि दिल्ली से वापस अपने गृह प्रदेश में लौट कर भी स्वावलंबन मेले के ये खुशगवार पल शिल्पियों को लंबे समय तक याद आते रहेंगे !!