भारत देश में जंगलराज कायम न्याय व्यवस्था ठप सुरक्षा के नाम पर अत्याचार बलात्कार नहीं सामुहिक बलात्कार --गादरे*
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दिल्ली:-भारत देश में संविधान अलमारी में जंगलराज कायम न्याय व्यवस्था ठप सुरक्षा के नाम पर अत्याचार बलात्कार नहीं सामुहिक बलात्कार।
बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजुद्दीन गादरे ने कहा कि सुरक्षा नहीं सरेआम गोलियों सुरक्षाकर्मी के साथ अतीक अशरफ हत्या हो या भाई चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमला पाकिस्तान से सीमा इंडिया में आ जाती है चौकीदार की चौकीदारी ख़त्म, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ खोखला जुमला आज मनिशा बाल्मीकि कांड न्याय नही गुजरात की बिलकीश बानो के बलात्कारियों को हत्यारों को सजा के बदले खुल्ला छोड़ दिया जाता है। नयी संसद में सांसदों को नहीं नागा साधुओं को प्रवेश कराकर न्याय व्यवस्था संविधान को आहत किया गया?
क्या प्रधानमंत्री ग्रहमंत्री रक्षामंत्री का जमीर जिंदा नही कुछ बोलना ही नहीं है? मणिपुर में कुकी महिलाओं से बोले- कपड़े उतारो वर्ना मार डालेंगे, बचाने आए कुकी भाइयों की हत्या की, फिर किया गैंग रेप। 4 मई को हिंदू मैताई समुदाय के लोगों ने कुकी समुदाय के आदिवासीयों की औरतों। को निर्वस्त्र घुमाया, कैसे खुला मामला; आज पूछता है भारत।
जिस वक़्त प्रधानमंत्री मोदी जी 2024 के चुनाव के लिए 38 दलों को अपने साथ जोड़कर ख़ुद को मज़बूत दिखाने में लगे हुए थे, उस वक़्त मणिपुर की कुछ महिलाओं का एक वीडियो वायरल हो रहा था.
वीडियो में वो महिलाएं बिना कपड़ों के हैं. एक भीड़ उनके कपड़े उतार चुकी है और उन्हें नोचते-खसोटते हुए धान के एक खेत की तरफ़ ले जा रही है गैंगरेप करने के लिए. ये महिलाएं उस मणिपुर में क़रीब 3 महीने से चल रही हिंसा की शिकार हुई हैं, जहां पर डबल इंजन सरकार चल रही है.
ये घटना 4 मई की बताई जा रही है, लेकिन इसका वीडियो अब वायरल हो रहा है.पुलिस को दी गई शिकायत में बी. फाइनोम नाम के गांव के मुखिया ने इस घटना का पूरा ब्योरा दिया है.
शिकायत में कहा गया है कि 4 मई की शाम को क़रीब 3 बजे लगभग 800-1000 लोगों की भीड़ आई, जो शायद मैतेई संगठनों के लोग थे. इनके पास एके राइफल्स, एसएलआर, इनसास जैसे ऑटोमैटिक हथियार थे. (आपको मालूम ही है, ये हथियार सिर्फ सुरक्षा बल इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्हीं से लूटकर ये भीड़ को दिए गए थे. ये भी आरोप लगे कि कई जगह मणिपुर पुलिस ने बिना विरोध हथियार ले जाने दिए. खैर, वाकये पर लौटते हैं.) इस भीड़ ने उनके गांव को लूटा और घरों में आग लगा दी.
भीड़ से जान बचाने के लिए 3 महिलाएं और 2 पुरुष जंगलों में भाग गए. उन्हें पुलिस की एक टीम बचाकर पुलिस स्टेशन ले जाने लगी. भीड़ ने रास्ता रोककर पुलिस से उन्हें छीन लिया. 56 साल के एक आदमी को भीड़ ने वहीं मार डाला. 21 साल, 42 साल और 52 साल की तीन महिलाओं के कपड़े फाड़े और निर्वस्त्र करके घुमाया।
ये वीभत्स जुलूस, इसके बाद धान के खेतों की ओर गया, जहां 21 साल की लड़की को उसके 19 साल के भाई के सामने गैंगरेप किया, जब उसके भाई ने रोकने की कोशिश की, तो उसे मार डाला. बाद में तीनों महिलाएं कुछ लोगों की मदद से वहां से भाग निकलीं. ये सब बातें ग्राम प्रधान ने पुलिस को दी शिकायत में लिखी हैं. स्थानीय मीडिया में छपी भी हैं.
एक फ़ोन करके दो देशों की लड़ाई रुकवाने का प्रोपेगैंडा चलाने वालों से अपने देश के राज्य में 3 महीने से चल रही हिंसा नहीं रोकी जा रही. ‘मेरा बूथ सबसे मज़बूत’ कैंपेन चलाने वाले उस राज्य में 3 महीने से चल रही हिंसा नहीं रोक पा रहे, जहां उन्हीं की सरकार है.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वाले देश में 'बहुत हुआ नारी पर वार’ वाला नारा चुनावों के लिए सुरक्षित है।महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को राहुल गांधी पर ट्वीट करने से फ़ुरसत नहीं है. पूरी सरकार के लिए चुनाव ही पहली और आख़िरी प्राथमिकता है। बहुजनों के सांसद विधायक भी बराबर के जिम्मेदार हैं।