मेरठ:-बहुजन मुक्ति पार्टी के राजुद्दीन गादरे ने पत्रकारों को जारी अपने वक्तव्य में कहा कि आज कुछ विदेशी षड्यंत्रकारी हमारे समाज में खून डी एन ए के भाई ओ बी सी, एस सी, एस टी, अल्पसंख्यकों बहुजनो को आपस में हिंदू-मुस्लिम के दंगे भड़काकर लोगों में फूट डालो राज करो की नीति रणनीति से अखंड भारत के नाम पर देश में गृहयुद्ध कराकर देश को कमजोर कर देने में लगे हुए हैं।
हमें समझना होगा कि विरासत क्या है? विरासत से ही हमारा वजूद अथवा अस्तित्व है।
आप जिस गांव या कस्बे के निवासी है वहां पर आपके बाप दादा के नाम पर विरासत है तभी आप उस गांव के निवासी कहलाते है। विरासत दो प्रकार की है।
1- व्यक्तिगत विरासत - व्यक्तिगत विरासत परिवार के लिए होती है।
2- सार्वजनिक विरासत - सार्वजनिक विरासत गर्व और गौरव का होता है तथा सार्वजनिक विरासत से भारत सरकार को राजस्व मिलता है। जिनकी विरासत गर्व और गौरवपूर्ण होता है उनके अन्दर हीन भावना नही आती।
आज हमारी सार्वजनिक विरासत पर करीब 2.5%की जनसंख्या वाले षड्यंत्रकारी एस सी एस टी ओ बी सी और मायनारिटीज के मूल निवासियों को आपस में लड़ाकर खुद कब्जा कर रहे हैं। जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी गर्व और गौरव करने लायक ही ना रहे।
विदेशी षड्यंत्रकारी हमारे पुरखों की बराबरी नहीं कर सकते थे। इसलिए हमारे पुरखों की साजिश और षड्यंत्र करके षड्यंत्रकारियों विदेशियों ने नरसंहार किया।
आज हमारी विरासत पर कब्जा ंकर 2.5% के षड्यंत्रकारी अपनी विरासत घोषित करना चाहते है ताकि हमारी पीढ़ियों को हीन भावना से ग्रसित कर सकें।
राजुद्दीन गादरे ने मूलनिवासी बहुजनों से आह्वान किया कि हिंदु मुस्लिम ऊंच-नीच करने वाले पाखंडियों षड्यंत्रकारियों विदेशियों मनुवादियों से सावधान रहकर देश की अखंडता संप्रभुता समता समानता बंधुता न्याय व्यवस्था और स्वतंत्रता पर आधारित लोकतंत्र तथा पवित्र ग्रंथ विश्व रत्न डा बाबा भीमराव अंबेडकर साहब द्वारा रचित संविधान बचाने में अपनी व्यक्तिगत विरासत बचाने के लिए व्यक्तिगत सबकुछ लगाते है और सार्वजनिक विरासत के लिए सार्वजनिक रूप से आप लोगों को सहयोग करना होगा।
राजुद्दीन गादरे सैफी