विश्व भूगर्भ जल दिवस पर हरियाली संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष रिहान मलिक ने की लोगों से जल संरक्षण की अपील ।
जल संरक्षण की बात हर साल होती है, लेकिन इसके बावजूद साल दर साल पानी का जलस्तर घटता जा रहा है। भूगर्भ विभाग के अनुसार साल में तकरीबन एक मीटर पानी पाताल की ओर जा रहा है।
कल-कारखानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए भूगर्भ जल का अतिदोहन ही किया जा रहा है। वहीं, दूषित पेयजल आपूर्ति के कारण पानी के अवैध कारोबार को बढ़ावा मिला है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी नहरों के अभाव के कारण भूगर्भ जल से ही सिंचाई हो रही है तो वहीं कुंड व तालाब पाटे जाने से जल संरक्षण की दिशा में कुठाराघात हुआ है जिनके परिणाम हमें इस तरह भुगतने पड़ेंगे गर्मी में तेजी से सूखें हैंडपंप और कुएं सिंचाई के लिए नसीब नहीं होंगे । पीने के पानी के लिए मचेगा हाहाकार पालतू जानवरों के लिए खड़ी होगी समस्याऐ ।
कुछ उपाय अपनाकर हम जल संरक्षण कर सकते हैं
सबसे पहले पानी की बर्बादी रोकी जाए । गर्मी आने से पहले नलों की हो मरम्मत हो ।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग की हो व्यवस्था टपका सिंचाई का संयंत्र लगाया जाए ।
पानी बचाने का हमें दृढ़ संकल्प लेना होगा जैसे
शॉवर, स्वीमिंग पुल और बाथ टब की बजाय सामान्य रूप से नहाने से बचेगा पानी
वॉशिंग मशीन में कपड़ा धोने से पानी ज्यादा खर्च होता है इसलिए कम कपड़े हैं तो हाथ से धोएं
बर्तन धोने के लिए नल की जगह बाल्टी या टब का इस्तेमाल करके पानी बचाया जा सकता है
टूथ ब्रश करते समय नल खुला न छोड़ें कार साफ करने के लिए बाल्टी में इस्तेमाल करें इससे हर बार हम करीब 130 लीटर पानी बचा सकते हैं।
बाथरूम टोटिया टैंक आदि के लीकेज से पानी बर्बाद होता है इसलिए तुरंत सुधरवा लिया जाना चाहिए।
प्रत्येक आरओ मशीन में हर साल करीब 14 हजार लीटर पानी नष्ट होता है इस पानी का इस्तेमाल पेड़-पौधों को सींचने और गाड़ी धोने में किया जा सकता है।
अगर हम आज नहीं संभले तो आने वाली पीढ़ी पानी को तरस जाएगी अपनी पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के लिए हमें हर हाल में भूगर्भ जल संरक्षण करना होगा ।