ख़ानकाहे सक़लैनिया पर 410 वां उर्स ए हज़रत शेख़ अहमद मुजद्दिद अलिफ़सानी रहमतुल्लाह अलैह मनाया गया|
बरेली से नाज़िश अली की रिपोर्ट
बरेली,आज बातारीख 25 सितंबर बरोज़ इतवार मुताबिक 28 सफ़र उल मुजफ्फर ख़ानक़ाह सक़लैनिया शराफ़तिया पर 410 वां उर्स ए मुजद्दिदी मनाया गया। ख़ानक़ाह शरीफ़ पर बाद नमाज़ अस्र सज्जादानशीन पीरो मुरशिद हज़रत शाह सकलैन मियां हुज़ूर ने फ़ातिहा ख्वानी कर कुल शरीफ़ की रस्म अदा की। कुल शरीफ़ की फातिहा के बाद तमाम अकीदतमंदों को तबर्रुक तकसीम किया गया।
सिलसिला ए सक़लैनिया, शराफ़तिया, नक्शबंदिया के अज़ीम बुजुर्ग हज़रत इमाम रब्बानी, महबूब ए सुब्हानी, कय्यूमे ज़मानी सैय्यदना शेख़ अहमद फारूकी सरहिंदी रहमतुल्लाह अलैह के फज़ाईल पर हाफ़िज़ जाने आलम ने रौशनी डालते हुए बताया कि "हज़रत मुजद्दिद अलिफसानी रहमतुल्लाह हमारे सिलसिले के एक अज़ीम उल मरतबत बुज़ुर्ग हैं, अल्लाह ने आपको हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम के बचे हुए खमीर (मिट्टी) से बनाया, आपके बारे में हज़रत गौसुल आज़म दस्तगीर रहमतुल्लाह अलैह ने चार सौ साल पहले बिशारत दी कि आपको एक हज़ार साल का मुजद्दिद बनाया गया है और आपने ही फितना-ए-अकबरी जिसे दीने अकबरी का नाम दिया गया था उसको नेस्तो नाबूद करने का अज़ीम तारीखी कारनामा किया
आपका मज़ारे पाक पंजाब के सरहिंद शरीफ़ में हैं, जहां हर वक्त आपके अकीदतमंदों का मेला लगा रहता है।
कुल शरीफ़ में ज़िक्र ए अल्लाहू की महफिल सजाई गई जिसमें नात ओ मनकबत ख्वानी व हज़रत मुजद्दीद साहब की शान में शानदार कलाम पेश किए गए इस मौके पर खास तौर अल्हाज ग़ाज़ी मियां, सादकैन सकलैनी, हाफ़िज़ गुलाम गौस सकलैनी, मुर्तुजा सकलैनी, फैजयाब सकलैनी, शमशाद सकलैनी, उमर सकलैनी, मुहम्मद मियां सकलैनी, ज़िया सकलैनी, इमरान सकलैनी वगैरह मौजूद रहे