सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के भाजपा मंत्री जनार्दन रेड्डी की याचिका पर जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए सीबीआई को समय दिया
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक के भाजपा मंत्री जी जनार्दन रेड्डी की याचिका पर जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो को अतिरिक्त समय दिया गया है।इसके साथ ही याचिका में जमानत की शर्तों में स्थायी राहत की मांग के साथ कर्नाटक के बेल्लारी और आंध्र प्रदेश के कडपा जाने की इजाजत मांगी गई है। वहीं जस्टिस अरुण मिश्रा और इंदिरा बैनर्जी ने इस मामले को आगे की सुनवाई के लिए लिस्ट कर लिया है। अगली सुनवाई 16 मार्च को की जाएगी। इससे पहले कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया था और याचिका पर उसकी प्रतिक्रिया मांगी थी। बीते साल कोर्ट ने 8 जून को दो हफ्ते के लिए रेड्डी को बेल्लारी जिला जाने की अनुमति दी थी जिससे वे अपने बीमार ससुर से मिल सकें।
इसके लिए रेड्डी की ओर याचिका दायर कर अनुमति मांगी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने रेड्डी को 2015 में अवैध खनन मामले में जमानत देते हुए उनके गृह नगर बेल्लारी और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर व कडप्पा जाने पर रोक लगा दी थी। बीते साल जून में सुप्रीम कोर्ट ने रेड्डी के खिलाफ खनन मामलों में चार्जशीट दायर करने में हो रही देरी को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो की क्लास लगाई और ठोस जवाब देने की मांग की थी। वहीं मामले की सुनवाई करने वाले जस्टिस इंदिरा बनर्जी और अजय रस्तोगी की बेंच ने सीबीआई से सवाल किया कि 6 साल पहले आरोप लगाए गए थे परन्तु अब तक यह तय नहीं हुआ क्यों, हमें बताएं। इसके जवाब में सीबीआई की ओर से कहा गया कि मुकदमे के विभिन्न चरणों में रेड्डी की ओर से आवेदन दाखिल कराने से कार्यवाही में देरी हुई। परन्तु रेड्डी के वकील ने कहा था कि रेड्डी के खिलाफ जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन करने की शिकायत नहीं आई। जनवरी 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन मामले में OMC (Obulapuram Mining Company) को मौजूद करते हुए रेड्डी को सशर्त जमानत दी थी। इसके तहत उन्हें कर्नाटक या आंध्र प्रदेश के खनन क्षेत्रों में जाने पर रोक लगाई गई थी। वहीं जब तक उन्हें जमानत दी गई तब तक वे तीन साल जेल में बिता चुके थे। इसके साथ ही रेड्डी व OMC के मैनेजिंग डायरेक्टर बीवी श्रीनिवास (BV Srinivas Reddy) रेड्डी को सीबीआई ने 5 सितंबर 2011 को गिरफ्तार किया था। ओबलापुरम माइनिंग कंपनी के एमडी जी जे रेड्डी हैं।इसके साथ ही इस कंपनी पर कर्नाटक के बेल्लारी और आंध्रप्रदेश के अनंतपुर में बड़े पैमाने पर अवैध खनन का आरोप है।