क्यूँ देश को भृमित किया जा रहा आखिर हमारी सरकार क्या चाहती है ? भारत को क्या बनांना चाहती है? क्यूँ गड़े मुर्दे उखाड़ रही है ? शाहीन बाग को क्युं मुद्दा बना रही है ? सड़क तो दूसरी ओर खुली हुई है प्रदर्शकारी को एक ही साइड में 150 मीटर के दायरे में शांतिपूर्ण प्रदर्श कर रहे हैं-बार बार मीडिया उन्हें गलत तरह से क्यूँ दिखाने की कोशिश कर रही है? दिल्ली पुलिस द्वारा एक किलो मीटर आगे पीछे बैरिकेट लगा कर रास्ता जाम कर रखा है - उन बैरिकेट को क्यूँ नही दिखाया जा रहा है , उन बैरिकेट को क्यूँ नही खोलवाया जा रहा है ? यदी सुरक्षा की दृष्टि से बन्द किया गया है, तो इन्ही 150 मीटर के दायरे में बैरिकेट लगा कर पुलिस तैनात रहे ? और रही इस कानून को वापस लेने की बात तो नेहरू लियाकत पैक्ट को आज क्यूँ बताया जा रहा - नेहरू - लियाकत पैक्ट को संविधान से क्या लेना देना है - आज तो केवल भारत मे नागरिकता देने और लेने के डर का सवाल है - किसे दिया जाए , किसे न दिया जाए। न आज नेहरू है न आज लियाकत है, - आज तो सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार अपने अधिकारियों को जो फॉर्म दे कर जनता के दरवाजे पर भेज रही है - उस फार्म के अंदर जो कलम दिए गए हैं वह कुछ सूचनाएं की वह आन जनता के मन असमंजसता नहीं बढ़ाता है। वर्तमान सरकार अपना वोट बैंक मज़बूत बनाने के लिये इस प्रकार का क़दम नही उठा रही है? इसप्रकार के आम से देश मे अशांति का वतावरण बढ़ेगा - सरकार को यही करना है था तो देश मे बढ़ रही बेरोज़गारी पर लगाम लगाने के लिये पहले बेरोज़गारों - की जनगणना कराना चाहिए था। उसी में सरकार का अपना मक़सद भी हाल हो जाता हल्ला हनगांवां भी नहीं होता और लोग खुशी खुशी अपना डाटा जमा करवादेते । शिक्षित , अशिक्षत बेरोज़गार सरकार के सामने आ जाते । और घुसपैठिये जी पहचान भी हो जाती ।
एस. ज़ेड.मलिक(पत्रकार)
मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है !...