चंडीगढ़। पंजाब के बजट 2020-21 में सामाजिक सुरक्षा पेंशनों और वित्तीय सहायता स्कीमों में 31 प्रतिशत बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव की सराहना करते हुये पंजाब के सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी ने कहा है कि इससे बुज़ुर्गों, महिलाओं और बाल पेंशनरों का मनोबल बढ़ेगा और अन्य लाभपात्रियों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशनों और वित्तीय सहायता स्कीमों के घेरे में लाया जा सकेगा।यहाँ जारी एक प्रेस बयान में चौधरी ने वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल द्वारा पेश पंजाब बजट 2020 -21 की प्रशंसा करते हुये कहा कि बजट में सामाजिक सुरक्षा पेंशनों की राशि 2019-20 के मुकाबले 31 प्रतिशत बढ़ा कर 2388 करोड़ रुपए की गई है, जबकि साल 2016 -17 के दौरान 19.08 लाख लाभपात्रियों के सम्मिलन से सामाजिक सहायता पेंशनों के लिए बजट राशि 1100 करोड़ रुपए थी। साल 2019 -20 के दौरान 24 लाख लाभपात्रियों को उनके खातों में सीधे तौर पर पेंशन डालने के लिए 2,165 करोड़ रुपए रखे गए थे।
सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री ने आगे बताया कि इसके साथ साथ सरकार ने हर जिले में बुज़ुर्ग नागरिकों के कल्याण के लिए बुढ़ापा घर स्थापित करने का फ़ैसला किया है, जिसके लिए साल 2020 -21 के दौरान 5 करोड़ रुपए की प्राथमिक राशि रखी गई है। उन्होंने बताया कि साल 2019 -20 के दौरान ‘एकीकृत बाल विकास योजना’ के अंतर्गत 8.46 लाख बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं को सप्लीमेंट्री पोषण, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, रैफरल सेवाओं और प्री-स्कूल शिक्षा मुहैया करवाई गई है। साल 2020 -21 में 0-6साल तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए 65 करोड़ रुपए की रकम आरक्षित रखी गई है।
अरुणा चौधरी ने आगे बताया कि बजट में दिव्यांग व्यक्तियों की सामाजिक -आर्थिक सुरक्षा के लिए राज्य स्तरीय स्कीम शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इस उद्देश्य के लिए अपेक्षित वित्तीय सहायता साल के दौरान मुहैया करवाई जायेगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने एक नयी योजना ‘माता तृप्ता महिला योजना’ का प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन पहलूओं को कवर करने के लिए राज्य के द्वारा नयी पहलकदमियां /प्रोग्राम शामिल किये जाएंगे, जिनको किसी भी मौजूदा केंद्र /राज्य द्वारा स्पांसरड महिलाओं /बाल-लडक़ी आधारित स्कीमों के अंतर्गत शामिल नहीं किया गया। यह राज्य को स्थायी विकास लक्ष्यों (एस.डी.जी.) के साथ अनुकूल लैंगिक समानता प्राप्त करने में सहायता करेगा, जो सरकार की महिलाओं के प्रति वचनबद्धता है। इस योजना की शुरुआत के लिए प्राथमिक रकम मुहैया करवाई गई है, जिसमें साल के दौरान उचित विस्तार किया जायेगा।
सामाजिक सुरक्षा मंत्री ने बताया कि वित्त मंत्री ने एक अन्य नयी योजना ‘कस्तूरबा गांधी महिला योजना’ का प्रस्ताव रखा है, जिसका उद्देश्य राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा चलाईं जाती सभी मौजूदा महिला-केंद्रित सरकारी योजनाओं के लाभ को एक ही जगह शामिल करना है जिससे सामाजिक क्षेत्रों और घर में महिलाओं और बच्चों के जीवन मानक को ऊंचा उठाया जा सके और सुरक्षा और सम्मान यकीनी बनाया जाये। इस एक स्कीम के अंतर्गत सभी मौजूदा स्कीमों को लाकर सभी महिलाओं को इनके लाभ पहुंचा जा सकें। इस योजना की शुरुआत के लिए प्राथमिक रकम मुहैया की गई है, जिसमें साल के दौरान उचित बढ़ोतरी की जायेगी
सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री ने आगे बताया कि इसके साथ साथ सरकार ने हर जिले में बुज़ुर्ग नागरिकों के कल्याण के लिए बुढ़ापा घर स्थापित करने का फ़ैसला किया है, जिसके लिए साल 2020 -21 के दौरान 5 करोड़ रुपए की प्राथमिक राशि रखी गई है। उन्होंने बताया कि साल 2019 -20 के दौरान ‘एकीकृत बाल विकास योजना’ के अंतर्गत 8.46 लाख बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं को सप्लीमेंट्री पोषण, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, रैफरल सेवाओं और प्री-स्कूल शिक्षा मुहैया करवाई गई है। साल 2020 -21 में 0-6साल तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए 65 करोड़ रुपए की रकम आरक्षित रखी गई है।
अरुणा चौधरी ने आगे बताया कि बजट में दिव्यांग व्यक्तियों की सामाजिक -आर्थिक सुरक्षा के लिए राज्य स्तरीय स्कीम शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इस उद्देश्य के लिए अपेक्षित वित्तीय सहायता साल के दौरान मुहैया करवाई जायेगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने एक नयी योजना ‘माता तृप्ता महिला योजना’ का प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन पहलूओं को कवर करने के लिए राज्य के द्वारा नयी पहलकदमियां /प्रोग्राम शामिल किये जाएंगे, जिनको किसी भी मौजूदा केंद्र /राज्य द्वारा स्पांसरड महिलाओं /बाल-लडक़ी आधारित स्कीमों के अंतर्गत शामिल नहीं किया गया। यह राज्य को स्थायी विकास लक्ष्यों (एस.डी.जी.) के साथ अनुकूल लैंगिक समानता प्राप्त करने में सहायता करेगा, जो सरकार की महिलाओं के प्रति वचनबद्धता है। इस योजना की शुरुआत के लिए प्राथमिक रकम मुहैया करवाई गई है, जिसमें साल के दौरान उचित विस्तार किया जायेगा।
सामाजिक सुरक्षा मंत्री ने बताया कि वित्त मंत्री ने एक अन्य नयी योजना ‘कस्तूरबा गांधी महिला योजना’ का प्रस्ताव रखा है, जिसका उद्देश्य राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा चलाईं जाती सभी मौजूदा महिला-केंद्रित सरकारी योजनाओं के लाभ को एक ही जगह शामिल करना है जिससे सामाजिक क्षेत्रों और घर में महिलाओं और बच्चों के जीवन मानक को ऊंचा उठाया जा सके और सुरक्षा और सम्मान यकीनी बनाया जाये। इस एक स्कीम के अंतर्गत सभी मौजूदा स्कीमों को लाकर सभी महिलाओं को इनके लाभ पहुंचा जा सकें। इस योजना की शुरुआत के लिए प्राथमिक रकम मुहैया की गई है, जिसमें साल के दौरान उचित बढ़ोतरी की जायेगी