नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के लिए न्यायाधीश अरुण मिश्रा की निंदा की और इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया। दरअसल न्यायाधीश मिश्रा ने बीते सप्ताह अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की थी।
एससीबीए का कहना है कि इस तरह के बयान न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर बुरा प्रभाव डालते हैं। सुप्रीम कोर्ट में वरीयता क्रम में तीसरे स्थान के न्यायाधीश ने शनिवार को मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित दूरदृष्टा और बहुमुखी प्रतिभा वाले नेता हैं, जो वैश्विक स्तर की सोच रखते हैं लेकिन स्थानीय हितों को ध्यान में रखते हुए काम करते हैं।
वकीलों के निकाय ने एक बयान में कहा कि पीड़ा और चिंता की गहरी भावना के साथ इन टिप्पणियों पर संज्ञान लिया गया है। एससीबीए ने अपने बयान में कहा कि एससीबीए बयान पर संज्ञान लेता है और इसकी कड़ी निंदा करता है।
मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है !...