रांची : राइट टू सर्विस एक्ट (झारखंड राज्य सेवा गारंटी अधिनियम 2011) का लाभ आमलोगों को समय पर मिले, इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सख्त दिख रहे हैं. सीएम के निर्देश पर मुख्य सचिव डीके तिवारी ने सभी जिलों के उपायुक्तों से रिपोर्ट तलब की है. उन्होंने कहा है कि डीसी, बीडीओ, सीओ के अलावा विभिन्न विभागों के अधीनस्थ अफसरों से राइट टू सर्विस एक्ट के तहत आनेवाली 133 तरह की सेवाओं के संबंध में रिपोर्ट लें. वह खुद सुनिश्चित करें कि आमलोगों को संबंधित विभाग से राइट टू सर्विस एक्ट का लाभ मिले. इसके लिए विभागों की खुद जांच करें. बताया गया कि आये दिन जमीन संबंधी मामले को लेकर विवाद सामने आते हैं. इसके मद्देनजर सर्किल इंस्पेक्टर और अंचलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वह कर्मचारी की रिपोर्ट को ही आधार मानकर जमीन के मामले में सिर्फ साइन करने तक सीमित नहीं रहें. वह खुद भी यह सुनिश्चित करें कि जिस रिपोर्ट पर वह साइन कर रहे हैं, वह पूरी तरह सही है.गौरतलब है कि धनबाद-रांची नगर निगम, रांची रजिस्ट्री कार्यालय और डोरंडा थाना में छापेमारी के बाद यह बात सामने आयी थी कि किस तरह छोटी-छोटी चीजों के लिए लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. इसके बाद सीएम ने राइट टू सर्विस एक्ट का पालन बेहतर तरीके से हो, इसे लेकर संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया था.रिपोर्ट बनाने में जुटा एसीबी, मंत्रिमंडल निगरानी को भेजी जायेगी रिपोर्ट25 फरवरी को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रांची नगर निगम, रजिस्ट्री कार्यालय, डोरंडा थाना और धनबाद नगर निगम में छापेमारी की थी. इस संबंध में संबंधित विभागों के नोडल अफसर और एसीबी के अधिकारी रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हैं. रिपोर्ट तैयार होने के बाद एसीबी मंत्रिमंडल निगरानी को रिपोर्ट भेजेगा. वहां से रिपोर्ट नगर विकास विभाग, भू-राजस्व विभाग और पुलिस मुख्यालय को जायेगी. जानकारी के मुताबिक एसीबी राइट टू सर्विस एक्ट के तहत काम नहीं होनेवाली चीजों को ध्यान में रखकर रिपोर्ट बना रहा है. इसमें यह बताया जायेगा कि संबंधित विभाग में क्या-क्या खामियां हैं और इसको दूर करने के लिए क्या उपाय किये जा सकते हैं. हालांकि गड़बड़ियों के लिए कौन दोषी है, इसकी रिपोर्ट एसीबी नहीं देगी. संबंधित विभाग एसीबी की रिपोर्ट के आधार पर दोषी कर्मी की पहचान करेगा. जिस विभाग को लगेगा कि मामले में वह खुद कार्रवाई कर सकता है, तो वह खुद कार्रवाई करेगा. जिसको मामले में एसीबी से आगे की जांच और ठोस कार्रवाई कराने की जरूरत महसूस होगी, वह एसीबी को मामला सौंपेगामुख्य सचिव ने उपायुक्तों को अपने अधीनस्थ अफसरों से भी रिपोर्ट मांगने को कहा
सीओ व सीआइ कर्मचारी के भरोसे न रहें, खुद भी जमीन के मामलों का करें सत्यापन
डीजीपी को निर्देश
थानेदार आम जनता से बेहतर व्यवहार करें
मुख्य सचिव ने कहा कि थानों की कार्यप्रणाली के संबंध में डीजीपी को निर्देश दिया गया है. वे सभी एसपी को निर्देशित करें कि थानेदार व अन्य कर्मी अपना व्यवहार ठीक रखें. राइट टू सर्विस एक्ट के तहत थाना के स्तर पर जो कार्य होते हैं, उसकी भी मॉनीटरिंग हो. डीजीपी के स्तर पर सभी एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिलों में राइट टू सर्विस एक्ट के तहत कार्यों का निबटारा समय पर सुनिश्चित कराएं.