दिल्ली हिंसा के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेताओं का एक शिष्टमंडल उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा के मुद्दे पर गुरुवार 27 फरवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपेगा। इस शिष्टमंडल का नेतृत्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी कर सकती हैं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस को बुधवार को राष्ट्रपति भवन तक मार्च करना था और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपना था। लेकिन राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद को राष्ट्रपति के कार्यालय से जानकारी दी गयी कि कोविंद आज उपलब्ध नहीं हैं।दिल्ली हिंसा मामले में 27 फरवरी को होगी सुनवाई दिल्ली में नागरिकता संशोधि कानून को लेकर छिड़ा प्रदर्शन अब और उग्र हो गया था, जो फिलहाल अभी शांत है। लेकिन अभी भी दिल्ली का माहौल सही नहीं हुआ है। आपको बता दें कि दिल्ली में हिंसा को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार एवं प्रशासन को जमकर फटकार लगाया था। साथ ही उन सभी नेताओं पर कार्रवाई की बात कहीं है, जिन्होंने देश में अशांति फैलाने को लेकर उग्र भाषण दिया है। बता दें कि कोर्ट 27 फरवरी को भी इस मामले की सुनवाई करेगी।
कुणाल कामरा याचिका पर कोर्ट में आज होगी सुनवाई
एक विमान में पत्रकार अर्णब गोस्वामी को कथित रूप से परेशान करने के लिए स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा पर जांच किए बिना इंडिगो द्वारा अनिश्चितकालीन यात्रा प्रतिबंध लगाने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि विमानन नियामक डीजीसीए को इंडिगो के अलावा अन्य एयरलाइंस की कार्रवाई को प्रमाणित नहीं करना चाहिए था। कामरा ने अपनी याचिका में कहा कि इंडिगो ने आंतरिक समिति के किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले ही उन पर छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया जबकि अन्य एयरलाइंस-एअर इंडिया, स्पाइसजेट और गोएयर ने भी उन पर इस तरह का प्रतिबंध लगा दिया। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 27 फरवरी तय की।
ओबीसी आरक्षण संबंधी याचिका पर 27 फरवरी को अंतिम सुनवाई।हाईकोर्ट ने बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण संबंधी तमाम याचिकाओं (Petitions) को अंतिम सुनवाई के लिए रख दिया है। अब सभी याचिकाओं पर 27 फरवरी को अंतिम सुनवाई होगी। इस दौरान सरकार की ओर से एक बार फिर आरक्षण पर रोक हटाने की मांग की गई लेकिन हाईकोर्ट (High Court) ने इसे स्वीकार नहीं किया। गौरतलब है कि 28 जनवरी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एमपी पीएससी परीक्षाओं में बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण पर अंतरिम आदेश देते हुए रोक लगा दी थी और ये निर्देश दिए थे कि एमपी पीएससी अपनी भर्ती प्रक्रिया जारी रख सकती है लेकिन अंतिम सूची