दिल्ली हिंसा की गूंज संयुक्त राष्ट्र (यूएन) तक पहुंच गई है और यूएन ने इस हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा कि आज के हालात में महात्मा गांधी की भावना की सबसे ज्यादा जरूरत है और सामुदायिक सामंजस्य बनाए रखने के केंद्र में इसे ही होना चाहिए.दिल्ली हिंसा की तरफ इशारा करते हुए प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस नई दिल्ली पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस नई दिल्ली पर नजर बनाए हुए हैं जहां नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर जमकर हिंसा हुई. इस हिंसा में अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है.संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने अपनी डेली ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा कि लोगों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए. साथ ही सुरक्षा बल संयम बरते. यह महासचिव का हमेशा से रुख रहा है.
उन्होंने कहा कि हम निश्चित ही स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. बाद में हेड कांस्टेबल रतन लाल के मारे जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लोगों को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की जरूरत है.इस बीच, जीटीबी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सुनील कुमार ने बताया कि हमारे अस्पताल में 24 फरवरी से 215 से अधिक पीड़ित लाए गए और उनका इलाज किया गया. हालांकि इस समय केवल 51 रोगी भर्ती हैं. एक को छोड़कर बाकी सभी रोगियों की हालत स्थिर है.
जीटीबी अस्पताल में 24 फरवरी से 25 लोगों को मृत अवस्था में लाया गया और 9 की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में बुधवार को एक व्यक्ति की मौत इलाज के दौरान हो गई थी और एक को वहां लाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था.एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एलएनजेपी में एक और व्यक्ति की मौत हो गई. जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में भी गुरुवार को एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया, जिससे कुल मृतक संख्या 38 तक पहुंच गई.
अस्पताल में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि हिंसा के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से एलएनजेपी में 50 से अधिक लोगों को लाया गया था. हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल हुए