नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत आने से कुछ घंटे पहले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आर्थिक इकाई ने मोदी सरकार को ऐसे किसी भी व्यापारिक समझौते का वादा करने को लेकर चेतावनी दी है, जिसमें अमेरिका द्वारा भारत के 10,000 अरब रुपए के डेयरी उद्योगों को हानि पहुंचने की आशंका हो। स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सह समन्वयक अश्विनी महाजन ने इसमें धार्मिक दृष्टिकोण जोड़ते हुए कहा कि भारत में दूध शाकाहारी आहार है।
अमेरिकी प्रशासन की यह मांग है कि भारत को इस शर्त को हटाना चाहिए कि अमेरिका से केवल शाकाहारी गायों के दूध का आयात किया जा सकता है। अमेरिका में, गायों को खून और मांस दिया जाता है और इस तरह की गायों के दूध का आयात करना प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा, अमेरिका को यह समझना चाहिए कि अमेरिका की यह मांग न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इसे धार्मिक वजहों से भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
यह कहते हुए कि भारत को अमेरिका की धमकी पर चिंता नहीं करना चाहिए, महाजन ने कहा कि भारत अपने वृहत घरेलू डेयरी बाजार तक अमेरिका की पहुंच की इजाजत नहीं दे सकता है। महाजन ने एक ब्लॉग में लिखा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि अमेरिका, भारत पर अपने कंपनियों के हितों की रक्षा करने का दबाव डाल रहा है। भारत के लिए भी अपनी पहली प्राथमिकता सार्वजनिक स्वास्थ्य, लघु उद्योगों में रोजगार की रक्षा होनी चाहिए।