उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में वर्षों से इस बात को महसूस किया जा रहा था कि पुलिस आयुक्त की प्रणाली यहां पर भी लागू होनी चाहिए। 10 लाख से ऊपर की आबादी के क्षेत्रों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होनी चाहिए। प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा की बेहतर दृष्टि से यह कार्य होना था।लेकिन इसे कहीं ना कहीं नजरअंदाज किया जा रहा था। किन्हीं कारणों से उत्तर प्रदेश के दो महत्वपूर्ण शहरों में यह कार्य अभी तक नहीं हो पाया था, हमारी सरकार ने निर्णय लिया है। 2011 की जनगणना के हिसाब से लखनऊ की आबादी को देखें तो 29 लाख से ज्यादा लोग शहर में निवास करते हैं। अगर नोएडा में जोधा 2011 की जनगणना के हिसाब से नोयडा में 16 लाख से अधिक की आबादी वहां निवास करती है। वर्तमान में 25 लाख नोएडा में आबादी हो चुकी है। जो आबादी वहां निवास कर रही है उसके हिसाब से यहां एडीजे स्तर का अधिकारी कमिश्नर के रूप में कार्य करेगा। उनके साथ दो जॉइंट पुलिस कमिश्नर जो आईडी रैंक के होंगे उनकी तैनाती एसपी रैंक के 9 अधिकारी यहां तैयारी है। इसके साथ ही महिला अपराधों को रोकने के लिए महिला सुरक्षा के लिए एक महिला एसपी रैंक की अधिकारी भी तैनात होगी। इसके साथ एएसपी रैंक की भी एक महिला अधिकारी तैनात होगी। इसके साथ ही एसपी और एएसपी स्तर के एक अधिकारी यातायात के लिए भी नियुक्त किए जाएंगे। जिससे वह स्मार्ट सिटी में यातायात सुविधाओं को देखेंगे जनता को सुविधाएं मुहैया हो पाए।
गौतमबुधनगर (नोयडा) प्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में प्रदेश में तेजी से आगे बढ़ा है। जिसमें एक एडीजी स्तर का पुलिस कमिश्नर होगा इस के साथ दो एडिशनल पुलिस कमिश्नर जो डीआईजी रैंक के अफसर होंगे। उनको तैनात करने का निर्णय लिया है पांच पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी उनके साथ रहेंगे। यह भी तय हुआ है कि वहां भी एक महिला पुलिस अधिकारी केवल महिला अपराधों मामलों के संबंधित विवेचना करने उनके समस्याओं को सुनने और हल करने के लिए और महिला अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए तैनात की जाएंगी। इसके साथ एक पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी ट्रैफिक के लिए भी नियुक्त किया जाएगा। पुलिस आयुक्त प्रणाली में पूरी टीम वर्क की तरह कार्य करती है।जिससे वह स्मार्ट पुलिसिंग को आगे बढ़ा सकें। किस अधिकारी को क्या देना है यह पुलिस कमिश्नर खुद करेंगे। लखनऊ और नोयडा दोनों जगह दो-दो थाने बढ़ाए जाएंगे।