प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि पाकिस्तान दुनिया से अलग-थलग हो गया है। लेकिन पूर्व विदेश सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कहा है कि, “इस कदम से भारत ने खुद को 'अलग-थलग' कर लिया है। देश और विदेश में इसके खिलाफ आवाज उठाने वालों की लिस्ट काफी लंबी है।
शिवशंकर मेनन ने एक कार्यक्रम में कहा कि, “कानून पारित होने के बाद भारत को लेकर लोगों का नजरिया बदला है। इस कदम से भारत ने दुनिया में खुद को अलग-थलग कर लिया है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भी इसके आलोचकों की लिस्ट बहुत लंबी है। पिछले कुछ महीनों में भारत के प्रति नजरिया बदला है। यहां तक कि हमारे मित्र भी हैरान हैं।”
पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मेनन ने भारत की असहिष्णु के पैमाने पर पाकिस्तान से तुलना करते हुए कहा कि, हाल के दिनों में जो हमने हासिल किया है वह भारत की मौलिक छवि को पाकिस्तान से जोड़ता है, जो एक 'असहिष्णु' देश है। दुनिया पहले क्या सोचती थी इसके बजाय हमारे लिए वह अधिक मायने रखता है कि अब क्या सोचती है। भागीदारी नहीं करना या अकेले जाना कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने सीएए पर सक्त लहजे में कहा कि, ऐसा लगता है कि इस तरह के कदम से हम खुद को दुनिया से काटने और अलग-थलग करने की ठान चुके हैं। मेनन ने ये सभी बातें प्रेस क्लब में कहीं। शिवशंकर मेनन मनमोहन सिंह सरकार में विदेश सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, चीन में भारत के राजदूत रह चुके हैं।