सीएए को लेकर मचे देशव्यापी बवाल के बीच ही मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने सूबे के शासकीय स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना पढ़ाने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 22 जनवरी को जारी किए गए आदेश के अनुसार राज्य के सभी प्राइमरी से लेकर हायर सेकंड्री स्कूलों में प्रत्येक शनिवार को बच्चों को देश के संविधान के बारे में जानकारी दी जाएगी। विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि हर शनिवार को प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में शिक्षक अथवा प्रधान अध्यापक प्रार्थना के बाद बच्चों को संविधान की उद्देशिका (प्रस्तावना) से अवगत कराएँगे। इसी तरह हाईस्कूल और हायर सेकंड्री स्कूलों में प्रत्येक शनिवार को बालसभा के दरमियान प्राचार्य बच्चों को संविधान की प्रस्तावना की जानकारी देंगे।
महाराष्ट्र के बाद अब मध्य प्रदेश के स्कूलों में भी संविधान की प्रस्तावना का पाठ पढ़ाया जाएगा। हालाँकि मध्य प्रदेश में यह योजना थोड़ी-सी अलग है। महाराष्ट्र में जहाँ 26 जनवरी से हर रोज़ इसका पाठ किया जाएगा वहीं मध्य प्रदेश में हर शनिवार को यानी हफ़्ते में एक दिन किया जाएगा। ये दोनों राज्य ऐसे हैं जहाँ विपक्षी दलों की सरकारें हैं। मध्य प्रदेश में जहाँ कांग्रेस की सरकार है वहीं महाराष्ट्र में इसकी शिवसेना और एनसीपी के साथ गठबंधन सरकार है। ये फ़ैसले ऐसे समय में आए हैं जब देश में ‘राष्ट्रवाद’ का मुद्दा ज़ोर शोर से चल रहा है। बीजेपी इसे अपने तरीक़े से पेश करती रही है तो कांग्रेस सहित विपक्षी दल अपने तरीक़े से। ऐसा ही ‘राष्ट्रवाद’ नागरिकता क़ानून के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान भी दिख रहा है। इसमें भी तिरंगा झंडा, जय हिंद के नारे से लेकर संविधान की प्रस्तावना को पढ़ने का दौर जारी है।