पूर्व विधायक के पुत्र उपेंद्र हत्याकांड का खुलासा करते हुए दो हत्या आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा
मुजफ्फरनगर। नई मंडी पुलिस ने पूर्व विधायक के पुत्र उपेन्द्र हत्याकांड का खुलासा करते हुए दो हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, जबकि दो आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। उपेन्द्र की हत्या उसके दोस्तों ने ही मामूली कहासुनी के चलते गोली मारकर कर दी थी। Also Read - विपक्षी दलों पर जमकर बरसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ...उन्होंने कांवड यात्रा को रोकने का प्रयास किया, हमने गंगा यात्रा भी निकाली: योगी गौरतलब है कि शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला रामपुरम निवासी उपेन्द्र पूर्व विधायक मूलचंद ठाकुर का पुत्र था। उपेन्द्र ने नई मंडी थाना क्षेत्र के वसुन्धरा रेजीडेंसी के पास अपना आफिस बनाया हुआ था। गत बुधवार को उपेन्द्र अपने साथी अभिषेक निवासी जाट कालोनी, हिमांशु निवासी नुमाइश कैम्प, हर्षित निवासी जाट कालौनी व एक अज्ञात साथी के साथ अपने आफिस में मौजूद था, तो उस समय गोली चल गई और गोली उसके सीने में लग गई। हर्षित को उसके साथियों ने गंभीर हालत में उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को कब्जे में ले लिया था। पुलिस के आने से पूर्व उसके साथी हर्षित व एक अज्ञात मौके से फरार हो गये थे। पुलिस पूछताछ में उपेन्द्र के दोस्तों ने पुलिस को बताया कि वह आफिस में बैठे हुए थे और अज्ञात साथी उपेन्द्र का पिस्टल साफ कर रहा था कि अचानक गोली चल गई और गोली उपेन्द्र के सीने में लग गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी थी। विवेचक थाना नई मंडी प्रभारी दीपक चतुर्वेदी व इंस्पेक्टर प्रवेश कुमार ने दो हत्यारोपी हिमांशु पुत्र राजकुमार निवासी नुमाइश कैंप थाना सिविल लाइन तथा अभिषेक पुत्र प्रवीण कुमार निवासी ऋषभ विहार थाना सिविल लाइन मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ लिखापढी कर उन्हें न्यायालय में पेश कर दिया, जबकि हर्षित पुत्र रविंदर बालियान निवासी संतोष विहार थाना सिविल लाइन मुजफ्फरनगर तथा विशु गोलियान पुत्र बिजेंद्र गोलियान निवासी धनसैनी थाना तितावी अभी भी फरार चल रहे हैं। पुलिस के अनुसार उक्त चारों आपस में दोस्त थे तथा किसी भी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी, जिसमें गर्मागर्मी में आकर विशु ने उपेंद्र को अपनी पिस्टल से गोली मार दी थी। उक्त चारों उपेंद्र को जिला अस्पताल भी ले गए थे, ताकि किसी को शक न हो औेर उपेंद्र की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।