चंडीगढ़। पांच सौ साल के इतिहास में महाराजा रणजीत सिंह सर्वश्रेष्ठ शासक माने गए हैं.। अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ़ अलबामा की तरफ से करवाए गए सर्वे में इसकी पुष्टि की गई है। यह सर्वे महाराजा रणजीत सिंह के निधन के 180 साल बाद करवाया गया है।
सर्वे में कार्यशैली, रण कौशल, प्रजा नीति, सेना के नवीनीकरण, आर्थिक और व्यापारिक नीतियों को आधार बनाते हुए दस शासकों को सूचीबद्ध किया गया था। इनमें महाराजा रणजीत सिंह और उनका शासनकाल पहले स्थान पर रहा है।
महाराजा रणजीत सिंह के वंशज डॉ. जसविंदर सिंह के मुताबिक विदेशी हमलावरों को उन्होंने न केवल देश के पश्चमी छोर पर रोका था, बल्कि उन्हें शिकस्त देते हुए सिख साम्राज्य की स्थापना की थी। पहले सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह ने पंजाब को एकसूत्र में पिरोकर अपने राज्य का पेशावर, पख्तूनख्वा, कश्मीर तक विस्तार भी किया था।
डॉ. जसविंदर सिंह ने कहा, 'सिख खालसा सेना का गठन करने वाले महाराजा रणजीत सिंह ने अमृतसर के हरमंदिर साहिब गुरूद्वारे में सोना मढ़वाया था, तभी से इसे स्वर्ण मंदिर कहा जाने लगा था। अपने शासनकाल में उन्होंने कभी किसी को मृत्यु दंड नहीं दिया। हिंदुओं और सिखों से वसूले जाने वाले जजिया कर पर भी उन्होंने ही रोक लगाई थी।
मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है !...