दिल्ली। जामिया विश्वविद्यालय की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। इसी माह जनवरी में आयोजित की जाने वाली परीक्षाएं अब कब होंगी, फिलहाल यह तय नहीं है। परीक्षाएं रद्द करने का यह फैसला सोमवार को जामिया विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने लिया। छात्रों के भारी विरोध व दबाव के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन को फिलहाल परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय लेना पड़ा है। छात्रों का कहना है कि जब तक विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती तब तक वे परीक्षाओं में शामिल नहीं होंगे।
सोमवार को जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों ने कुलपति कार्यालय के बाहर अपनी सुरक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। यहां छात्रों ने कुलपति नजमा अख्तर से पूछा कि जामिया कैंपस के अंदर छात्रों को सुरक्षा की गारंटी देने की जिम्मेदारी किसकी है। छात्रों का कहना था कि बिना सुरक्षा इंतजाम के न तो कक्षाएं चल सकती हैं और न परीक्षाएं।
छात्रों ने कहा कि प्रशासन परीक्षाएं लेना चाहता है तो पहले छात्रों को सुरक्षित माहौल मुहैया कराए। छात्रों की मांग थी कि पुलिस के खिलाफ एफआईआर हो, और उसके बाद ही परीक्षाएं आयोजित की जाएं।
कुलपति नजमा अख्तर के मुताबिक, छात्रों की इस मांग पर विचार किया गया। कुलपति ने डीन और विभिन्न विभाग प्रमुखों से इस बारे में सलाह करने के बाद परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय लिया है। कुलपति ने छात्रों को आश्वस्त किया कि आप विश्वविद्यालय प्रशासन से इस विषय में चर्चा कीजिए। कुलपति ने कहा कि परीक्षाओं की नई तारीख छात्रों व विश्वविद्यालय प्रशासन के संबंधित अधिकारियों से बातचीत करके घोषित की जाएगी।
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जब तक आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं की जाती तब तक परीक्षाएं आयोजित नहीं की जानी चाहिए। छात्रों ने कुलपति से कहा कि असुरक्षा के माहौल में आखिर कैसे पढ़ाई व परीक्षाएं करवाई जा सकती हैं।
इस पर कुलपति ने कहा कि केवल एफआईआर दर्ज हो जाने से सुरक्षा नहीं हो जाती। उन्होंने कहा कि एफआईआर एक अलग प्रक्रिया है, उसे सुरक्षा या फिर परीक्षा के साथ न जोड़ा जाए।
गौरतलब है कि 15 दिसंबर की रात हुई हिंसा के बाद जामिया विश्वविद्यालय में छुट्टियां घोषित कर दी गई थी। छह जनवरी से जामिया विश्वविद्यालय में कक्षाएं पुन: प्रारंभ की गईं। इसके साथ ही इसी माह परीक्षाओं की तिथि भी घोषित कर दी गई थी, लेकिन अब छात्रों के विरोध के कारण परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं।