जयपुर । प्रत्येक नागरिक को आसानी से अफोर्डेबल दवाएं उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से दवा दोस्त ने फार्मा क्षेत्र में एक और कदम उठाया है। दवा दोस्त फार्मा प्राइवेट लिमिटेड ने जयपुर में शुक्रवार को 3 नए स्टोर्स की शुरूआत की है । यह स्टोर्स जयपुर के बरकत नगर ,वैशाली नगर और सुभाष नगर शास्त्री नगर इलाके में शुरू किए गए हैं । इस के साथ ही दवादोस्त के जयपुर में अब स्टोर्स की संख्या बढ़कर 9 हो गई है। दवा दोस्त के वर्तमान में राजापार्क , खातीपुरा त्रिवेणी नगर,सोडाला, मानसरोवर ,सुभाष चौक में स्टोर्स है और यहां से आमजन को ब्रांडेड दवा कंपनियों की अफॉर्डेबल दवाएं 80 फ़ीसदी तक कम दामों पर उपलब्ध करवाई जा रही है।
कंपनी के संस्थापक और सीईओ अमित चौधरी और यश हरलालका ने बताया कि दवा दोस्त राजस्थान की अफॉर्डेबल दवाएं उपलब्ध कराने वाली नंबर 1 फार्मा कंपनी है। हमारे स्टोर पर मिलने वाली दवाओं की एक विस्तृत रेंज है और हम हर जरूरतमंद नागरिक तक सस्ती दरों पर दवाएं उपलब्ध कराए जाने का उद्देश्य लेकर चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल अप्रैल में जयपुर में 6 स्टार्स की शुरुआत हुई थी और अब तक लगभग एक लाख संतुष्ट ग्राहको का भरोसा दवा दोस्त के साथ है और अगले कुछ महीनों में 10लाख ग्राहकों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ समय में दवा दोस्त अन्य जिलों और राज्यो में स्टोर्स की विस्तार योजनाएं बना रहे है।
सीईओ यश हरलालका ने बताया कि दवा दोस्त स्टोर्स पर आने वाले हर ग्राहक को अफॉर्डेबल दवाओं की महत्वता बताने वाले के चार महत्वपूर्ण कारकों की विस्तृत जानकारी दी जाती है। इनमें दवाई का एमआरपी सॉल्ट शक्ति और चिकित्सा की खुराक ,दवा का रूप, खुराक का फॉर्म यानी की दवा कैप्सूल है या टेबलेट , सिरप या लोशन या दवा का मरहम आदि बताई जाती है। इसके अलावा ग्राहकों को दवा के पैटर्न अर्थात दवा तेज राहत की है या कम राहत वाली आदि से भी अवगत करवाया जाता है ।
मेरठ:-भारतीय संस्कृति और सभ्यता को मुस्लिमों से नहीं ऊंच-नीच करने वाले षड्यंत्रकारियों से खतरा। Raju Gadre राजुद्दीन गादरे सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता ने भारतीयों में पनप रही द्वेषपूर्ण व्यवहार आपसी सौहार्द पर अफसोस जाहिर किया और अपने वक्तव्य में कहा कि देश की जनता को गुमराह कर देश की जीडीपी खत्म कर दी गई रोजगार खत्म कर दिये महंगाई बढ़ा दी शिक्षा से दूर कर पाखंडवाद अंधविश्वास बढ़ाया जा रहा है। षड्यंत्रकारियो की क्रोनोलोजी को समझें कि हिंदुत्व शब्द का सम्बन्ध हिन्दू धर्म या हिन्दुओं से नहीं है। लेकिन षड्यंत्रकारी बदमाशी करते हैं। जैसे ही आप हिंदुत्व की राजनीति की पोल खोलना शुरू करते हैं यह लोग हल्ला मचाने लगते हैं कि तुम्हें सारी बुराइयां हिन्दुओं में दिखाई देती हैं? तुममें दम है तो मुसलमानों के खिलाफ़ लिख कर दिखाओ ! जबकि यह शोर बिलकुल फर्ज़ी है। जो हिंदुत्व की राजनीति को समझ रहा है, दूसरों को उसके बारे में समझा रहा है, वह हिन्दुओं का विरोध बिलकुल नहीं कर रहा है ना ही वह यह कह रहा है कि हिन्दू खराब होते है और मुसलमान ईसाई सिक्ख बौद्ध अच्छे होते हैं! हिंदुत्व एक राजनैतिक शब्द है !...