छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ गरीबों की जमीन हड़पने का इल्जाम लगाते हो अशोक शर्मा ने उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के सीएम और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के खिलाफ गरीबों की जमीन हड़पने का इल्जाम लगाते हुए अशोक शर्मा ने उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। उच्च न्यायालय ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए आर्थिक अपराध अन्वेषण इकाई (EOW) व राज्य शासन को नोटिस जारी कर कागजात पेश करने के निर्देश दिए हैं।याचिकाकर्ता ने पुनर्विचार याचिका में कहा है कि साल 1995 में भूपेश बघेल पाटन विधानसभा क्षेत्र के MLA चुने गए थे। उस समय अपने पद व राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए भिलाई अरपा साडा में अपनी पत्नी व मां के नाम जमीन आवंटन के लिए अर्जी लगाई थी। अरपा साडा के इंजीनियरों ने आवेदन पर कार्रवाई करते हुए EWS के लिए आरक्षित दो भूखंड को चिह्नित किया और चार-चार हजार स्क्वायर फीट जमीन का आवंटन सीएम बघेल की मां व पत्नी के नाम पर कर दिया।याचिकाकर्ता ने कहा है कि यह भूमि गरीबों के लिए आरक्षित की गई थी। याचिका के मुताबिक, जमीन आवंटन की जानकारी के बाद EOW में अशोक शर्मा व विजय बघेल (अब भाजपा सांसद) ने शिकायत दर्ज कराई थी। जांच के बाद शिकायत को सही पाते हुए आवेदनकर्ताओं के खिलाफ EOW ने एफआइआर दर्ज की थी।