केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना PMRPY का लाभ लेकर 80 हजार कंपनियों ने 9 लाख कर्मचारियों के जरिये सरकार को 300 करोड़ का चूना लगा दिया है। ये कर्मचारी सरकार की PMRPY का लाभ पाने की योग्यता नहीं रखते हैं। Business Standard की रिपोर्ट के मुताबिक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार द्वारा इस योजना के तहत नए कर्मचारियों के नाम पर आर्थिक लाभ लेते हुए सरकार को चूना लगाया है। PMRPY स्कीम के तहत उन कंपनियों को सरकार की तरफ से छूट मिलती है जो जॉब क्रिएशन के लिए EPFO में रजिस्टर्ड हैं। सरकार Employee Pension Scheme (EPS) और Employees Provident Fund (EPF) में कंपनी का हिस्सा अपनी तरफ से जमा कर कंपनी को फायदा देती है।
केंद्र नई नौकरियों के लिए कंपनियों की तरफ से EPS में 8.33 प्रतिशत हिस्सा मिलाती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार द्वारा 9 लाख अकाउंट्स को ब्लॉक कर 300 करोड़ में से 222 करोड़ की राशि को अब तक रिकवर किया जा चुका है। सरकार ने अगस्त 2016 में इस स्कीम को लांच किया था। इसके मुताबिक 1 अप्रैल 2016 के बाद भर्ती होने वाले नए कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। रिपोर्ट के मुताबिक 80 हजार कंपनियों के 8,98,576 कर्मचारी 16 जुलाई 2019 से इस स्कीम का लाभ ले रहे थे।इस पूरे मामले को लेकर अधिकारियों का कहना है कि कुछ कंपनियों द्वारा यह गलती जानकारी की कमी की वजह से भी हो सकती है।
गौरतलब है कि PMRPY योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को दिया जाता है जिनकी मासिक आय 15 हजार रुपए या उससे कम होती है। स्कीम के अनुसार, उस नए कर्मचारी को इसका लाभ मिलता है जिसने किसी EPFO में रजिस्टर्ड कंपनी में 1 अप्रैल 2016 के पहले रेग्यूलर बेसिस पर काम नहीं किया है।