5 मासूम बेटों को खून फेंक कर मौत के घाट उतारने वाले पिता को दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने 5 बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई
बड़वानी गांव चिखली में पांच मासूम बेटों को कुएं में फेंक कर मौत के घाट उतारने वाले पिता पर दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने पांच बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई। फैसला शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश उदयसिंह मरावी ने सुनाया।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी संजय मोरे ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि चिखली निवासी दोषी भतरसिंह उर्फ भतरिया (35) पिता चमारिया की दो पत्नियां हैं। दोनों से विवाद के बाद भतर ने नौ अक्टूबर 2018 की सुबह अपने पांच बेटों को कुएं में फेंक दिया था।पहली पत्नी सुंगीबाई से चार बच्चे संदीप (9), प्रदीप (8), रंदीप (6) व सहादर (डेढ़) थे। दूसरी पत्नी सुनिता निवासी ग्राम धावड़ी से एक पुत्र रोहित (3) था। दूसरी शादी करने के बाद से भतरसिंह पहली पत्नी सुंगीबाई और चारों बच्चों को साथ में नहीं रखना चाहता था। इस बात को लेकर आठ अक्टूबर को चिखली में भतरसिंह ने जान से मारने की धमकी देते हुए सुंगीबाई का गला दबाया था। इस पर डरी हुई सुंगीबाई चिखली से के लपानी रिश्तेदार के यहां चली गई थी। इसके बाद भतरसिंह ने पांचों बच्चों को कुएं के पास ले जाकर पहले सेंव खिलाई, फिर कुएं कि नारे पानी पिलाया।
इसके बाद सभी बच्चों को कुएं में धक्का देकर भाग गया। कुएं में डूबने से मासूमों की मौत हो गई थी। इसी दिन भतरसिंह ने पेड पर फांसी लगाने की कोशिश भी की, लेकि न डरकर फरार हो गया था। पुलिस ने तीन दिन बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था।