नैनीताल। यह जगह बीते 30 सालों से एकदम शांत और स्थिर थी लेकिन बुधवार की शाम को अचानक तेज आवाज आई और जमीन धंस गई। घबराकर लोग घरों से बाहर आ गए और इलाके में दहशत फैल गई। सब एक-दूसरे से पूछते रहे कि यह आखिर क्या हुआ, कैसे हुआ। सब खैरियत तो है।
करीब तीस सालों से शांत रहा नैनीताल के चाइना पीक की पहाड़ी में बुधवार शाम भूस्खलन होने से क्षेत्र के लोग दहशत में आ गए। बर्फबारी के बीच चाइना पीक की पहाड़ी से भूस्खलन का मलवा रोड तक नहीं आया है। लेकिन सम्भावित खतरे से लोग आशंकित हैं।
बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे चाइना पीक से पत्थर बोल्डर गिरने की तेज आवाज आने से हंस निवास, चीना हाउस,मेलरोज कम्पाउंड के लोग घरों से बाहर निकल आये। चीना पीक की बीच वाली पहाड़ी से हुए इस भूस्खलन का मलबा काफी नीचे तक आ गया। हालांकि मलवा पेड़ों में अटक गया है। लेकिन रुक रुककर पत्थर गिरने से लोग डरे हुए हैं। क्षेत्र की सभासद दया सुयाल ने प्रशासन से इस मामले का तुरंत संज्ञान लेने की मांग की है।चीना पीक की पहाड़ी 1990 के आसपास तक नैनीताल के लिए खतरा बनी रही । उसके बाद वन विभाग,लो नि वि ने इस पहाड़ी में सुरक्षा दीवारें बनाई। साथ ही बड़े स्तर पर वृक्षारोपण कर तारबाड़ कराई । जिसके बाद इस पहाड़ी से भूस्खलन काफी हद तक रुक गया । लेकिन इस बीच हुई वर्षा व बर्फवारी से पुनः भूस्खलन होना क्षेत्र के लोंगों के लिये चिंता का कारण है । इस क्षेत्र में पिछले दस पन्द्रह सालों से बड़े स्तर पर मकान बन गए हैं । यहां तक कि बिल्डरों ने पॉलिटेक्निक कॉलेज से सैनिक स्कूल तक फ्लैट निर्माण कर बेच दिए हैं ।