यदि आप इंसान हो तो थोड़ा सा मंथन ज़रूर करोगे।
एस. ज़ेड.मलिक(पत्रकार)
भारत इस समय बे तरह बेरोज़गारी , महंगाई, भर्ष्ट्राचार, दुष्कर्म बलात्कार हत्या जैसे जंन्ध अपराध, से झूझ रहा है और सरकार एनआरसी, कैब, तीन तलाक़, सर्जिकल स्ट्राइक, 370, जैसे क़ानून बना कर भारत की तमाम जटिल जनसमस्याओं से ध्यान भटका रही है , और विपक्ष संसद से ले कर सड़कों तक हंगामा मचा कर एक प्रकार से इन भृष्ट मनुवादि सरकार का साथ ही दे रहे है , जबकि आम नागरिकों को इन कानूनों से कोई लेना देना नहीं है, फिरभी जनता उनके इस कार्यों में विरोध का हंगामा कर के भृष्टमनुवादी सरकार का सहयोग ही कर रही है । क्या ड्रामा है। भारत वासियों ज़रा सोंचो भाजपा सरकार अपने शासनकाल में जो भी नित्य नए कानून बना कर हंगामा खड़ा करवा रही है, क्या इस कानून का बनना आवश्यक था ? क्या तीन तलाक़ पर अंकुश लगाने के लिये कानून बनाने से, कश्मीर से धारा 370 हटाने से, सर्जिकल स्ट्राइक कराने से, कैब जैसे कानून बनाने से, एनआरसी जैसे कानून बनाने से, और अन्य ऐसे नये कानून के बनने से क्या भर्ष्ट्राचार, बेरोज़गारी , महंगाई, दुष्कर्म, बलात्कार, हत्या, पर रोक लगेगा ? या रुक गया ? यदि आप इंसान हो तो थोड़ा सा मंथन ज़रूर करोगे।