मध्यप्रदेश के व्यापम महाघोटाले के कुछ मुन्ना भाई विदेश तक पहुंच चुके हैं। इस बहुचर्चित महाघोटाले की जांच में ये चौंकानेवाला खुलासा हुआ है। इस मामले की सीबीआई तो जांच कर ही रही है। उसके अलावा अब पेंडिंग शिकायतों की जांच एसटीएफ कर रही है। उसी में पता चला है कि व्यापम घोटाले के जरिए एमबीबीएस कर चुके कुछ संदेही डॉक्टर अब विदेश जा चुके हैं और वहां अपनी प्रैक्टिस जमाए बैठे हैं।
जानकारी के अनुसार एसटीएफ को व्यापम से संबंधित १९७ शिकायतें मिली थीं। इसमें से करीब ८० शिकायतें उन मुन्ना भाइयों की थीं, जिन्होंने पीएमटी में फर्जीवाड़ा कर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया है। सूत्रों ने बताया कि एसटीएफ को जो शिकायतें मिली हैं, उनमें कुछ ऐसे डॉक्टर्स के भी नाम शामिल हैं, जो इस फर्जीवाड़ा के जरिए एमबीबीएस पास कर अब विदेशों में जा बसें हैं और धड़ल्ले से वहां प्रैक्टिस कर रहे हैं। अभी तक ऐसे तीन डॉक्टर्स की शिकायतें मिल चुकी हैं। इसमें लेन-देन तक के आरोप शिकायत में लगाए गए हैं।
सीबीआई ने १९७ शिकायतें एसटीएफ के पास वापस भेज दी थीं। तब से ये शिकायत पेंडिंग पड़ी हुई थीं। कमलनाथ सरकार के निर्देश पर इन्हीं पेंडिंग शिकायतों की जांच एसटीएफ कर रही थी। ये लंबित शिकायतें साल २०१४ से २०१५ के बीच की बताई जा रही हैं। व्यापम घोटाले की इस जांच को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। कांग्रेस प्रवक्ता मानक अग्रवाल का कहना है शिवराज सरकार में जिन राजनेताओं और अफसरों को बचाया गया, अब उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। वहीं भाजपा विधायक विश्वास सारंग इसे बदले की कार्रवाई बता रहे हैं।
एसटीएफ खंगाल रही है कुंडली
विदेश में प्रैक्टिस कर रहे इन मुन्ना भाई डॉक्टरों की कुंडली खंगाली जा रही है। उनके खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। एसटीएफ अधिकारियों का कहना है जिन डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत मिली है, उनकी जांच की जा रही है।सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अभी तक एसटीएफ ने तमाम शिकायतों की जांच में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की है। लेकिन सूत्रों का दावा है कि जल्द ही सबूत जुटाने के बाद एफआईआर दर्ज होने का सिलसिला शुरू होगा।