असम के डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में फिल्म को लेकर लोड हो रहा है नागालैंड और त्रिपुरा चल रहा है: गुलाम नबी आजाद
नई दिल्ली। इस समय पूरे देश में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) का मुद्दा छाया हुआ है। कुछ लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से नॉर्थ ईस्ट स्टेट के लोग हैं। साथ ही कई विपक्षी दलों को भी यह हजम नहीं हो रहा है। हालांकि मोदी कैबिनेट की सहमति मिलने के बाद इसे सोमवार को लोकसभा में करीब सात घंटे चली बहस के बाद पास करा लिया गया था। बुधवार को राज्यसभा में इस पर मोहर लगवाने के लिए मशक्कत जारी है।
कांग्रेस के सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि असम के डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। नगालैंड और त्रिपुरा जल रहा है। कैसे कह सकते हैं कि इस बिल से पूरा देश खुश है। पूर्वोत्तर के ज्यादातर राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भूटान का धर्म क्या इस्लाम नहीं है। वो क्यों नहीं है. श्रीलंका इसमें क्यों नहीं है. नेपाल हमारा पड़ोसी देश है. ये समस्या श्रीलंका के हिंदुओं के साथ भी है. उनको क्यों नहीं जोड़ा गया।
भाजपा के सांसद सुब्रमण्यन स्वामी राज्यसभा में बोले, कांग्रेस इस नागरिकता संशोधन बिल को लेकर सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस खुद एनआरसी और नागरिकता बिल को लेकर कन्फ्यूज। लगता है कि कांग्रेस में संविधान को लेकर अशिक्षा दर ज्यादा है।
-राज्यसभा में कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत का भरोसा 2 नेशन थ्योरी में नहीं है। सरकार आज दो नेशन थ्योरी सही करने जा रही है, कांग्रेस एक नेशन में भरोसा करती है। आप संविधान की बुनियाद को बदलने जा रहे हैं, आप हमारा इतिहास बदलने जा रहे है। सिब्बल ने आगे कहा कि यह काली रात कभी खत्म नहीं होगी। आप कहते हैं सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास लेकिन आपने सबका विश्वास खो दिया है।
-शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि लोकतंत्र में अलग आवाजें होती हैं, ये कहा जा रहा है कि जो इस बिल के साथ नहीं है वो देशद्रोही है, जो साथ है वही देशभक्त है। ये पाकिस्तान की असेंबली नहीं है, अगर पाकिस्तान की भाषा पसंद नहीं है तो पाकिस्तान को खत्म कर दो, हम आपके साथ हैं। संजय राउत ने कहा कि इस देश से घुसपैठियों को बाहर निकलाना चाहिए, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का हनन हुआ है, जिन लाखों-करोड़ों को यहां पर ला रहे हैं, तो क्या उन्हें वोटिंग का हक मिलेगा अगर इन्हें 2
- राज्यसभा में डीएमके, TRS और सीपीआई (एम) ने इस बिल के विरोध में वक्तव्य कर दिया है। सीपीआई (एम) नेता रंगराजन ने कहा कि श्रीलंका से जो तमिल माइग्रेंट आए वो 35 साल से नागरिकता के लिए भटक रहे हैं, लेकिन किसी ने उनके बारे में नहीं सोचा, जबकि AIADMK ने इस बिल का समर्थन कर दिया है।
- जेडीयू सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि इस बिल को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। इस बिल में संविधान का उल्लंघन नहीं हुआ है, ना ही आर्टिकल 14 का उल्लंघन हुआ है। जदयू ने राज्यसभा में इस बिल का समर्थन किया है, जदयू सांसद बोले कि हमारा देश रिपब्लिक है, यहां के नागरिकों को समान अधिकार है, हमारे देश में CJI, राष्ट्रपति भी अल्पसंख्यक समाज से हुए हैं लेकिन क्या पड़ोसी मुल्क में ऐसा हुआ क्या।
-राज्यसभा में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि इस बिल पर संसद में संग्राम होगा लेकिन उसके बाद ये बिल सुप्रीम कोर्ट में भी जाएगा। उन्होंने इस दौरान कहा कि ये बिल भारत विरोधी, बंगाल विरोधी है।
- भाजपा नेता जेपी नड्डा ने कहा है कि कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में अपनी तेज आवाज में बात रखी है लेकिन उनके बयानों में तख्यों की कमी है। कई तख्यों को उन्होंने राज्यसभा में नहीं रखा है।
-कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा ने कहा कि पहले और अब के बिल में काफी अंतर है, सबसे बात करने का जो दावा किया जा रहा है उससे मैं सहमत नहीं हूं। इतिहास इसको कैसे देखेगा, उसे वक्त बताएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बिल को लेकर जल्दबाजी क्यों हो रही है, संसदीय कमेटी के पास इसे भेजा जाता और तब लाया जाता। आनंद शर्मा ने कहा कि 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, ये विरोध के लायक ही है। ये बिल संवैधानिक, नैतिक आधार पर गलत है, ये बिल प्रस्तावना के खिलाफ है। ये बिल लोगों को बांटने वाला है, हिंदुस्तान की आजादी के बाद देश का बंटवारा हुआ था, तब संविधान सभा ने नागरिकता पर व्यापक चर्चा हुई थी। बंटवारे की पीड़ा पूरे देश को थी, जिन्होंने इसपर चर्चा की उन्हें इसके बारे में पता था।
आनंद शर्मा ने आगे कहा कि यह बिल संविधान निर्माताओं पर सवाल उठाता है, क्या उन्हें इसके बारे में समझ नहीं थी। भारत के संविधान में किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ, बंटवारे के बाद जो लोग यहां पर आए उन्हें सम्मान मिला है, पाकिस्तान से आए दो नेता प्रधानमंत्री भी बने है।टू नेशन थ्योरी कांग्रेस पार्टी ने नहीं दी थी, वो सावरकर ने हिंदू महासभा की बैठक में दी थी। आनंद शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने बंटवारे का आरोप उन कांग्रेसी नेताओं पर लगाया जिन्होंने जेल में वक्त गुजारा, ये राजनीति बंद होनी चाहिए।
कांग्रेस के सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि असम के डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। नगालैंड और त्रिपुरा जल रहा है। कैसे कह सकते हैं कि इस बिल से पूरा देश खुश है। पूर्वोत्तर के ज्यादातर राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भूटान का धर्म क्या इस्लाम नहीं है। वो क्यों नहीं है. श्रीलंका इसमें क्यों नहीं है. नेपाल हमारा पड़ोसी देश है. ये समस्या श्रीलंका के हिंदुओं के साथ भी है. उनको क्यों नहीं जोड़ा गया।
भाजपा के सांसद सुब्रमण्यन स्वामी राज्यसभा में बोले, कांग्रेस इस नागरिकता संशोधन बिल को लेकर सदन को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस खुद एनआरसी और नागरिकता बिल को लेकर कन्फ्यूज। लगता है कि कांग्रेस में संविधान को लेकर अशिक्षा दर ज्यादा है।
-राज्यसभा में कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत का भरोसा 2 नेशन थ्योरी में नहीं है। सरकार आज दो नेशन थ्योरी सही करने जा रही है, कांग्रेस एक नेशन में भरोसा करती है। आप संविधान की बुनियाद को बदलने जा रहे हैं, आप हमारा इतिहास बदलने जा रहे है। सिब्बल ने आगे कहा कि यह काली रात कभी खत्म नहीं होगी। आप कहते हैं सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास लेकिन आपने सबका विश्वास खो दिया है।
-शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि लोकतंत्र में अलग आवाजें होती हैं, ये कहा जा रहा है कि जो इस बिल के साथ नहीं है वो देशद्रोही है, जो साथ है वही देशभक्त है। ये पाकिस्तान की असेंबली नहीं है, अगर पाकिस्तान की भाषा पसंद नहीं है तो पाकिस्तान को खत्म कर दो, हम आपके साथ हैं। संजय राउत ने कहा कि इस देश से घुसपैठियों को बाहर निकलाना चाहिए, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का हनन हुआ है, जिन लाखों-करोड़ों को यहां पर ला रहे हैं, तो क्या उन्हें वोटिंग का हक मिलेगा अगर इन्हें 2
- राज्यसभा में डीएमके, TRS और सीपीआई (एम) ने इस बिल के विरोध में वक्तव्य कर दिया है। सीपीआई (एम) नेता रंगराजन ने कहा कि श्रीलंका से जो तमिल माइग्रेंट आए वो 35 साल से नागरिकता के लिए भटक रहे हैं, लेकिन किसी ने उनके बारे में नहीं सोचा, जबकि AIADMK ने इस बिल का समर्थन कर दिया है।
- जेडीयू सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि इस बिल को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। इस बिल में संविधान का उल्लंघन नहीं हुआ है, ना ही आर्टिकल 14 का उल्लंघन हुआ है। जदयू ने राज्यसभा में इस बिल का समर्थन किया है, जदयू सांसद बोले कि हमारा देश रिपब्लिक है, यहां के नागरिकों को समान अधिकार है, हमारे देश में CJI, राष्ट्रपति भी अल्पसंख्यक समाज से हुए हैं लेकिन क्या पड़ोसी मुल्क में ऐसा हुआ क्या।
-राज्यसभा में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि इस बिल पर संसद में संग्राम होगा लेकिन उसके बाद ये बिल सुप्रीम कोर्ट में भी जाएगा। उन्होंने इस दौरान कहा कि ये बिल भारत विरोधी, बंगाल विरोधी है।
- भाजपा नेता जेपी नड्डा ने कहा है कि कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में अपनी तेज आवाज में बात रखी है लेकिन उनके बयानों में तख्यों की कमी है। कई तख्यों को उन्होंने राज्यसभा में नहीं रखा है।
-कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा ने कहा कि पहले और अब के बिल में काफी अंतर है, सबसे बात करने का जो दावा किया जा रहा है उससे मैं सहमत नहीं हूं। इतिहास इसको कैसे देखेगा, उसे वक्त बताएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बिल को लेकर जल्दबाजी क्यों हो रही है, संसदीय कमेटी के पास इसे भेजा जाता और तब लाया जाता। आनंद शर्मा ने कहा कि 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, ये विरोध के लायक ही है। ये बिल संवैधानिक, नैतिक आधार पर गलत है, ये बिल प्रस्तावना के खिलाफ है। ये बिल लोगों को बांटने वाला है, हिंदुस्तान की आजादी के बाद देश का बंटवारा हुआ था, तब संविधान सभा ने नागरिकता पर व्यापक चर्चा हुई थी। बंटवारे की पीड़ा पूरे देश को थी, जिन्होंने इसपर चर्चा की उन्हें इसके बारे में पता था।
आनंद शर्मा ने आगे कहा कि यह बिल संविधान निर्माताओं पर सवाल उठाता है, क्या उन्हें इसके बारे में समझ नहीं थी। भारत के संविधान में किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ, बंटवारे के बाद जो लोग यहां पर आए उन्हें सम्मान मिला है, पाकिस्तान से आए दो नेता प्रधानमंत्री भी बने है।टू नेशन थ्योरी कांग्रेस पार्टी ने नहीं दी थी, वो सावरकर ने हिंदू महासभा की बैठक में दी थी। आनंद शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने बंटवारे का आरोप उन कांग्रेसी नेताओं पर लगाया जिन्होंने जेल में वक्त गुजारा, ये राजनीति बंद होनी चाहिए।