नागरिकता कानून को लेकर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। जहां एक ओर जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में रविवार को इस बिल के विरोध में सात दलों का शांति मार्च निकला वहीं दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अशोक गहलोत को आड़े हाथ लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले गहलोत खुद शरणार्थियों के हमदर्द थे लेकिन अब वे पलट गए हैं। इसके बाद गहलोत ने ट्वीट कर अपनी सफाई पेश की। उन्होंने कहा, पहले अमित शाह जी सदन में एवं आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मेरा नाम लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं।
मोदी ने कहा, आज रंग बदलने वाले इन दलों को इन के ही नेताओं की बात याद दिलाना चाहता हूं। मरी बात नहीं मानना है तो मत मानों लेकिन इन नेताओं की बात तो मानों। एक समय था जब राजस्थान के मुख्यमंत्री हुआ करते थे अशोक गहलोत। अब फिर से मुख्यमंत्री हैं। पहले जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने शरणार्थियों की हमदर्दी के लिए बातें कहीं थीं।
मोदी ने कहा, वे तो सरकार से मांग करते थे कि हिंदू या सिख पाकिस्तान से भाग कर यहां आए हैं उनकी स्थिति सुधारी जाए। अब वे रातों रात बदल गए। वोट बैंक का खतरा लगने लगा। वो सारी हमदर्दी, मैं हैरान हूं आज उनके पेट का दर्द बन गई है। जो कल तक हमदर्दी थी वो खुद के लिए दर्द क्यों बन गई? मोदी ने इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी उदाहरण दिया और कहा कि वे भी बांग्लादेशी शरणार्थियों के पक्ष में बोलते थे। उनका वीडियो भी उपलब्ध है। अब वे भी बदल गए।