सीआरपीएफ के कमांडो को भी नहीं बख्शा मेरठ पुलिस ने ,तीन मुकदमे लगा कर जेल भेजा। गृह मंत्रालय को शिकायत के बाद मेरठ पुलिस पर गिर सकती है गाज
मेरठ। शहर पुलिस के वैसे तो काफी चर्चे रहते हैं कब किसके साथ क्या गुल खिल जाए यह कोई नहीं जानता। गुड वर्क और बैड वर्क मेरठ पुलिस की दोनों ही पहचान है।पिछले दिनों दो मुस्लिम युवकों को तथाकथित मुठभेड़ में मारने का मामला काफी तूल पकड़ा था जिसमें से एक के पिता ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी और कोर्ट में मुकदमा लड़ने की बात भी कही थी ।जिस नौजवान को मारा गया था वह अपने छोटे बच्चों को स्कूल छोड़ कर आ रहा था उसके बाद से गायब था।मेरठ पुलिस की कार्यप्रणाली का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें बारामूला में तैनात सीआरपीएफ कमांडो सतेंद्र चौधरी को तीन मुकदमे लगाकर जेल भेजने का मामला सीआरपीएफ मुख्यालय और गृह मंत्रालय तक पहुंच गया है। मेडिकल थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर के-ब्लॉक निवासी सतेंद्र चौधरी सीआरपीएफ में हेड कांस्टेबल हैं। वर्तमान में वह जम्मू कश्मीर के बारामूला में तैनात हैं। फिलहाल 15 दिन की छुट्टी पर घर आए हुए हैं। बुधवार रात बाइक तेज चलाने को लेकर डिलीवरी ब्वॉय विवेक त्रिपाठी से उनका विवाद हुआ। इसके बाद सीआरपीएफ कमांडो को लूट, पुलिस से मारपीट करने और लाइसेंसी पिस्टल का दुरुपयोग करने के तीन मुकदमे दर्ज कर जेल भेज दिया गया।कमांडो की पत्नी मंजू सांगवान ने शुक्रवार को प्रकरण की जानकारी सीआरपीएफ कमांडेंट को दी। कमांडेंट ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों को अवगत कराया। कमांडेंट ने पुन: कमांडो की पत्नी को फोन कर बताया कि उन्हें एवं बेटे देवांशु को गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने दिल्ली बुलाया है। संभवत: सोमवार को कमांडो की पत्नी और बेटा दिल्ली जाकर अधिकारियों से मिल सकते हैं। मंत्रालय के अधिकारियों ने इस मामले में उन्हें पूरी मदद का आश्वासन दिया है। ऐसे में मेरठ पुलिस पर कार्रवाई की बुधवार रात फौजी के घर हुए बवाल की वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गई है। एक वीडियो में दरोगा महिलाओं को चांटा मारते हुए दिख रहा है। महिला की पिटाई के बाद वहां मौजूद लोगों का आक्रोश भड़का और उन्होंने हंगामा कर दिया। इसके बाद दोनों तरफ से हाथापाई भी हुई। हालांकि इस पर पुलिस का कहना है कि बचाव में ऐसा किया गया होगा।राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता डॉ. राजकुमार सांगवान शुक्रवार को शास्त्रीनगर में सीआरपीएफ जवान के परिजनों से मिले। उन्होंने पुलिस ज्यादती पर आक्रोश जताया। डॉ. सांगवान ने कहा कि यह मामूली विवाद था, जिसे पुलिस मौके पर ही शांत कर सकती थी। लेकिन डिलीवरी ब्वॉय और दरोगा की दोस्ती में इस मामले को ऐसे तूल दिया गया, जैसे फौजी केवल मोबाइल लूटने बारामूला से मेरठ आया हो। यह मामला देश की सुरक्षा में तैनात फौजी से जुड़ा हुआ है। ऐसे में पुलिस को फौजी पर लगे आरोपों की जांच करानी चाहिए थी। फौजी के परिजनों ने रालोद नेताओं को शरीर की चोटें दिखाई। रालोद नेताओं ने इस मामले में एडीजी से मिलने की बात कही है।उप्र महिला आयोग की सदस्य राखी त्यागी ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है। शुक्रवार को फौजी की पत्नी ने आयोग सदस्य को प्रकरण से अवगत कराया। आयोग सदस्य ने कहा कि मेरठ पुलिस को चिट्ठी लिखकर निष्पक्ष जांच के लिए कह रही हैं।एसएसपी अजय साहनी ने शुक्रवार को सिविल लाइन सीओ हरिमोहन सिंह और मेडिकल थाने के सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह को बुलाकर प्रकरण में बातचीत की। एसएसपी ने बताया कि सीओ की जांच रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, मेडिकल पुलिस की कार्रवाई एकदम सही है। मेडिकल जांच में फौजी नशे में पाया गया था। फौजी ने पुलिस से मारपीट की और पिस्टल तानी। इसलिए फौजी पर सही कार्रवाई की गई है।जोमेटो डिलीवरी ब्वॉय विवेक त्रिपाठी की ओर से कराए गए लूट-धमकाने के मुकदमे की जांच शास्त्रीनगर के-ब्लॉक चौकी प्रभारी जितेंद्र सिंह को दी गई है। ये वही सब इंस्पेक्टर है, जिसका फौजी से विवाद हुआ था। उधर, सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह की ओर से सीआरपीएफ कमांडो पर दर्ज कराए गए सरकारी कार्य में बाधा के मुकदमे की जांच दरोगा मुनेंद्र कुमार को दी गई है।