समाज में कितना पतन बाकी है? यह सुनकर दिल दहल जाता है कि कोई बेटा अपने ही माता-पिता की इतनी निर्ममता से हत्या कर सकता है? महिला ने जेठ के साथ मिलकर अपने दो वर्ष के बेटे को मरवा दिया। पत्नी ने प्रेमी सँग मिलकर मर्चेंट नेवी मे अफसर पति के टुकड़े-टुकड़े किये। पिता ने नौकर से अपने बेटे की हत्या करवायी। माँ,बाप,भाई, दोस्त,पार्टनर को मारने की खबरें आम हैं। ऐसे अपराध यह दिखाते हैं कि समाज में मानसिक संतुलन, नैतिकता और पारिवारिक मूल्यों में कितनी गिरावट आ चुकी है। अपराध और नैतिक पतन की ये घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि कहीं न कहीं हमारी सामाजिक संरचना, पारिवारिक मूल्य और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर संकट है। लेकिन यह भी ध्यान देने की बात है कि नकारात्मक घटनाएँ समाचारों में ज़्यादा दिखाई देती हैं, क्योंकि वे लोगों का ध्यान आकर्षित करती हैं। समाज में आज भी बहुत से लोग हैं जो प्रेम, सहयोग और नैतिकता से भरे हुए हैं। हमें ज़रूरत है कि हम अच्छाई को भी उतना ही महत्त्व दें और समाज को बेहतर बनाने की दिशा में काम करें। इस पतन के कारणों को समझकर समाधान निकालना ज़रूरी है—परिवारों में संवाद बढ़ाना, मानसिक स्वास्थ...
सरधना में आज ईद का त्योहार पूरे हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। माह-ए-रमजान के 29 दिनों तक रोजा रखने के बाद मुस्लिम समुदाय ने बड़े उत्साह के साथ इस खास मौके को मनाया।वहीं सरधना चेयरपर्सन पुत्र शाहवेज अंसारी ने कहा कि ईद का त्योहार प्यार और भाईचारे के नाम, ये खुशी का दिन सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि मोहब्बत और इंसानियत का पैग़ाम है। चाहे कोई भी मज़हब हो – *हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,* सब मिलकर इस दिन को मनाएं, क्योंकि असली खुशी वही है जो सबके साथ बांटी जाए। साथ ही शाहवेज अंसारी चेयरपर्सन पुत्र ने कहा कि इस ईद पर दिल उदास भी है… ग़ाज़ा के बेगुनाह लोग तकलीफ में हैं। जहां हम अपने अपनों के साथ खुश हैं, वहीं वहां कई लोग अपने घर और परिवार खो चुके हैं। इस खुशी के मौके पर उन्हें भूलना मुमकिन नहीं। आइए, उनके लिए अमन और इंसाफ़ की दुआ करें। इस ईद पर हम कसम खाएं कि नफरतें नहीं, मोहब्बत फैलाएंगे। गरीबों की मदद करेंगे, जरूरतमंदों का सहारा बनेंगे और एक-दूसरे से इंसानियत के नाते मोहब्बत करेंगे। ईद की नमाज क...